India News CG (इंडिया न्यूज)Sarhul Festival :सरहुल एक प्रसिद्ध आदिवासी त्योहार है, यह त्यौहार झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्य में मनाया जाता है। यह त्योहार छत्तीसगढ़ के आदिवासी समुदायों के लिए बेहत महत्वपूर्ण है। सरहुल त्योहार वसंत ऋतु के दौरान मनाते है। यह त्यौहार आदिवासी समुदायों की परम्परा, धर्म और संस्कृति का प्रतीक माना जाता है। इस साल यह त्यौहार 11 अप्रैल को मनाया जाएगा, त्यौहार के लिए ज़ोरों-शोरों से तैयारियां शुरू हो चुकी है।
कब मनाया जाएगा सरहुल त्यौहार
इस त्योहार में गांव के लोग साथ मिलकर पुरे रीति-रिवाज़ के साथ नाच-गाना करते है, और तरह-तरह के व्यंजन तैयार करते है। त्यौहार के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों और कला का आयोजन किया जाता है। सरहुल त्योहार आदिवासी समुदायों के सांस्कृतिक नियम, उत्साह, और सामाजिक एकता को दर्शाता है।
इस वर्ष सरहुल त्योहार 11 अप्रैल मनाया जाएगा । यह त्यौहार झारखंड राज्य के आदिवासी समुदायों का प्रमुख त्योहार माना जाता है । इसे रूप में भी मानते है। यह अमावस के एक दिन बाद मनाया जाता है।
सरहुल का क्या है महत्व
सरहुल का त्योहार आदिवासि समुदाय का नया साल माना जाता है। इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं, घर की सफाई करते हैं और आपस में शुभकामनाएं देते हैं। “सरहुल” शब्द “सरना” निकला है, जिसका मतलब है “पवित्र जंगल”। इस त्योहार में पेड़ों की पूजा की जाती है और जंगल की रक्षा करने कीकसम खाई जाती है। पेड़ों को ठीक रखने के लिए स्थानीय लोग उन्हें सीपिया ( लाल रंग पाउडर) और धुआं अर्पित किया जाता है। यह त्योहार आने वाली फसल अच्छी हो इसलिए भी मनाया जाता है। त्यौहार के दौरान चावल, मक्का आदि अनाज की पूजा की जाती है और भविष्य में अच्छी फसल होने की मनोकामना मांगी जाती है।
सरहुल उत्सव में तरह तरह के लोक नृत्य, जैसे सोहराय, करमा, बाहा किये जाते है। पारंपरिक संगीत को बजाकर लोग इनकी धुन पर नाचते गाते हैं। इस दौरान धार्मिक अनुष्ठान भी किए जाते हैं।
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