Monday, May 20, 2024
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दुर्ग जिले में भरा पानी, शिवनाथ नदी उफान पर, 27 कॉलोनियां और कई गांव जलमग्न

इंडिया न्यूज़, Durg : दुर्ग जिलें में कई दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण जिलें के कई इलाको में पानी भरने की खबर सामने आइए है। दुर्ग में बने संभाग डैम में अधिक पानी होने से शिवनाथ नदी में छोड़ा जा रहा है। जिसके कारण नदी का भी जल स्तर बढ़ने लगा है। कल यानी  मंगलवार को इस नदी में 1.15 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा चूका है। नदी के पास बसे पुलगांव में पानी भर गया है और पास की 27 कॉलोनियां भी जलमग्न हो गई।

मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के दुर्ग जिलें में  72.6 एमएम बारिश दर्ज की गई है। जिसके कारण प्रदेश के मोगरा बैराग, सूखा नाला, घुमरिया जलाशय समेत तांदुला और खरखरा डैम से 1.15 लाख क्यूसेक से अधिक पानी को नदियों में छोड़ा जा रहा है। जिसके कारण शिवनाथ नदी का जल स्तर बढ़ने लगा है। पास की हेश कॉलोनी समेत, डी मार्ट व रिलायंस पेट्रोल पंप तक पानी भरने लगा है।

जलभराव से राजनांदगांव मार्ग बंद

Durg,Shivnath River in Spate

जिलें के सभी डैम  का पानी नदियों में छिड़ने से शिवनाथ नदी में खतरे के निशान से 15 फीट ऊपर बह रही है। जिसके कारण राजनांदगांव और बालोद मार्ग को बंद करना पड़ा है। नदी के उफान के कारण पास के पुलगांव में अलर्ट जारी किया गया। नदी में अधिक पानी होने के कारण पानी पुलगांव चौक पुल पर भरने लगा। इससे अंडा, गुंडरदेही, बालोद और दल्ली-राजहरा मार्ग बंद हो गया। राजनांदगांव और दल्ली-राजहरा जाने वालों को नेहरू नगर बाइपास से राजनांदगांव होते हुए जाना पड़ा।

एसडीआरएफ की टीम ने आलबरस में फंसे 25 

ग्राम अलबरस में लगे ईंट भट्ठा में कई मजदूर काम कर रहे थे। पानी भटे के अंदर तक पहुंच गया था। जिसमे बहुत से मजदूर पानी में ही फंस गए थे। जिनकी मदद के लिए एसडीआरएफ की टीम ने इन सभी को सुरक्षित निकाला। कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र भरदा, आलबरस आदि गांवों का निरीक्षण किया। जहां पर सभी मजदूरों को एसडीआरएफ की टीम ने वोट की मदद से बाहर निकला गया। जिसमे 25 मजदूरों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।

तीन दिन में 1.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया

भारी बारिश के कारण प्रदेश के सभी डैम का पानी भरने से बाढ़  का खतरा बन चूका था । जिसे नियंत्रित करने के लिए शिवनाथ नदी में भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया। नदी में लगभग 1.15 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है। जिसमे अभी तक तीनों जलाशयों से 54,400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

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