India News (इंडिया न्यूज) :पाकिस्तान में हिंगलाज शक्ति पीठ मौजूद है, जिसकी देख-रेख पाकिस्तान के पंडित करते है। हिन्दू-मुस्लिम मिलकर यहाँ पूजा करते है। नवरात्रों के दौरान श्रद्धालू माता हिंगलाज के दर्शन करने भारी संख्या में देश-विदेश से यहां आते है और मेले, गरबे आदि का आयोजन किया जाता है।
हिन्दू -मुस्लिम भक्त मिलकर करते है पूजा
सती माता के 51 शक्तिपीठ केवल भारत ही नहीं, भारत के आस पास के अन्य देशों में भी फैले हुए है। उन्ही में से एक है पाकिस्तान का हिंगलाज माता शक्तिपीठ जहाँ माता सती का सिर गिरा था। यह शक्ति पीठ पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त के हिनोली नदी के ताट पर स्थित है।
हिंगलाज शक्तिपीठ में हर साल नवरात्रि के त्यौहार को बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। यहाँ नवरात्री के त्यौहार पर केवल पकिस्तान के हिन्दू ही नहीं, बल्कि देश विदेश के हिन्दू भी शामिल होते है। चैत्र नवरात्री के दौरान यहाँ माता का भव्य मेला लगता है। वही, दर्शन करने आई हुई महिलाए माता के दरबार में गरबा करती है। यहाँ पुरे विधि विधान से पूजन किया जाता है, पुरे क्षेत्र में भक्तों द्वारा लगाए गए माता के जयकारे और भजन की आवाज़ दूर-दूर तक गूंजती है।
मुस्लिम देशों से भी आते है भक्त
मान्यताओं के अनुसार हिंगलाज शक्तिपीठ की यात्रा, बाबा बर्फानी के अमरनाथ यात्रा से ज़्यादा कठिन है। नवरात्री के दिनों में श्रद्धालुओं की भीड़ को सम्हालने के लिए यहां ख़ास इंतजाम किए जाते है, ताकि भक्तों को दर्शन करने में कोई परेशानी ना हो।
नवरात्रि के दिनों में इस शक्तिपीठ में आने वाले कोई भी हिन्दू- मुस्लिम के बीच फर्क नहीं करते। सभी माता के भक्त के रूप में देखे जाते है। कई बार मंदिर के पुजारी मुस्लिम टोपी पहने हुए होते है, आरती के समय मुस्लिम भाई-बहन भी वहां उपस्थिति होते है।
हिंगलाज मंदिर को मुस्लिम ‘नानी बीबी की हज’ या पीरगाह के तौर पर पूजते है, इस कारण अफगानिस्तान, इजिप्ट और ईरान से भी भक्त यहाँ पीरगाह के दर्शन के लिए पहुँचते है।
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