India News CG (इंडिया न्यूज़), Covishield: कोविड-19 महामारी के दौरान भारत में व्यापक रूप से प्रयोग की गई कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। वेणुगोपालन गोविंदन नाम के एक पिता ने आरोप लगाया है कि उनके 20 साल के बेटे करुण्या की मौत कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने के बाद हो गई थी। इस घटना के बाद गोविंदन ने वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के खिलाफ मुकदमा दायर करने का फैसला किया है।
ब्रिटिश फार्मा कंपनी के लिए मुकदमा
गोविंदन का यह कदम ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा यह स्वीकारने के बाद आया है कि उनकी कोविड वैक्सीन, जिसे यूरोप में वैक्सजेवरिया और भारत में कोविशील्ड के नाम से जाना जाता है, रक्त के थक्के से जुड़े दुर्लभ दुष्प्रभावों का कारण बन सकती है। एस्ट्राजेनेका ने कहा कि उनका टीका “बहुत ही दुर्लभ मामलों में” थ्रॉम्बोसिस और थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) का कारण बन सकता है।
लगाए है ये आरोप
गोविंदन ने आरोप लगाया कि SII और सरकार ने पर्याप्त डेटा के बिना कोविशील्ड को “सुरक्षित और प्रभावी” बताया। उन्होंने कहा कि जब दुनिया भर से प्रतिकूल घटनाओं के बारे में जानकारी आने लगी, तब भी वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक नहीं लगाई गई। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “मेरी बेटी और अनगिनत अन्य लोगों की मौत के लिए सभी दोषी हैं जो इस तथाकथित वैक्सीन लेने के बाद मर गए।”
न्याय के लिए लड़ रहा परिवार (Covishield)
गोविंदन ने आगे कहा कि दुखी माता-पिता विभिन्न अदालतों में न्याय के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा, “यदि पर्याप्त उपाय नहीं किए गए, तो हम उन सभी अपराधियों के खिलाफ नए मामले दर्ज करेंगे जिनके कारण लोगों की मौत हुई है।”
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