India News CG (इंडिया न्यूज़), Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। शनिवार, 26 मई को बस्तर के बीजापुर जिले में 33 माओवादियों ने छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और कहा कि वे “खोखली” माओवादी विचारधारा और आदिवासियों पर माओवादियों द्वारा किए गए अत्याचारों से नाराज थे। अधिकारियों के मुताबिक, आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों ने कहा कि वे पुलिस की पुनर्वास नीति से भी प्रभावित हैं।
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) जितेंद्र यादव ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले 33 कैडरों में दो महिलाएं शामिल हैं, जो माओवादियों की गंगालूर क्षेत्र समिति के तहत विभिन्न विंग और संगठनों में सक्रिय थीं। उन्होंने आगे कहा, “आत्मसमर्पण करने वालों में पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर 1 के सदस्य राजू हेमला उर्फ ठाकुर (35) और माओवादियों के प्लाटून नंबर 1 के सदस्य समो कर्मा के सिर पर 2-2 लाख रुपये का इनाम था।
Also Read- Amit Shah का दावा, अगले 2-3 साल में खत्म हो जाएगी नक्सली समस्या
एसपी ने कहा, “एक अन्य आत्मसमर्पण करने वाले कैडर, माओवादियों की जनता सरकार की रिवोल्यूशनरी पार्टी कमेटी (आरपीसी) के प्रमुख सुदरू पुनेम पर ₹1 लाख का इनाम था।” उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले ये तीन इनामी कैडर अतीत में सुरक्षा कर्मियों पर हुए हमलों में कथित तौर पर शामिल थे। इस आत्मसमर्पण के साथ, इस साल अब तक 109 नक्सली जिले में हिंसा छोड़ चुके हैं। इसके अलावा, इसी अवधि के दौरान जिले में 189 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया।
Also Read- CM Vishnu Deo Sai: गौवंश की सुरक्षा के लिए सरकार लाएगी योजना, CM साय ने दिया ये निर्देश