India News CG (इंडिया न्यूज़), CAA: सोमवार को केंद्र सरकार ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 के प्रावधानों को लागू कर दिया है। यह अधिनियम पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करेगा। सरकार ने यह अधिसूचना विवादास्पद कानून पारित होने के चार साल बाद जारी की है।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने इस अधिनियम के माध्यम से तीन देशों – हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई – के प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे संविधान निर्माताओं की प्रतिबद्धता और वादे को साकार करना बताया।
CAA से जूड़ी मुख्य बातें
- यह अधिनियम मुख्य रूप से स्थानीय स्तर की समितियों के माध्यम से नागरिकता देने की प्रक्रिया का संचालन करेगा। यह समिति आवेदनों का मूल्यांकन कर अंतिम निर्णय लेगी।
- इस अधिनियम के तहत नागरिकता देने पर अंतिम निर्णय लेने के लिए एक अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया जाएगा। इसमें विशेषज्ञों की एक टीम शामिल होगी जो आवेदकों की भौतिक उपस्थिति में नागरिकता देने पर निर्णय लेगी।
- यह अधिनियम उन शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करेगा जिन्होंने तीन पड़ोसी देशों में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में शरण मांगी थी।
- अधिनियम अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के 6 अल्पसंख्यक समुदायों – हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई – को भारतीय नागरिकता प्रदान करेगा।
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