Monday, May 20, 2024
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छत्तीसगढ़ में सांसदों ने देखा उन्नत खेती का मॉडल, कम पानी व कम लगत से खेती

इंडिया न्यूज़, Durg News: प्रदेश के दुर्ग जिले में संसद की लोक लेखा समिति खेती का उन्नत मॉडल देखने के लिए गई। इसमें समिति के चेयरमैन अधीर रंजन चौधरी और नेता प्रतिपक्ष ने कम पानी और कम लगत में खेती का आधुनिक मॉडल देखा। इसके साथ ही प्रदेश सरकार के 4 चिन्हारी नरुवा,  बाड़ी, गरुवा, घुरुवा को भी ध्यान से समझा। इस टीम में बिहार, हरियाणा व अन्य राज्यों के सांसद के अलावा  पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद जगदंबिका पाल शामिल हुए।

दुर्ग जिले में हो रही जैविक और उन्नत खेती: सांसद अधीर रंजन

(farming with less water and less cost) यह खेती की आधुनिक तकनीक देखने के लिए टीम धमधा के धौराभाठा में एसजे फार्म में समिति के सदस्यों के साथ 27 अगस्त को पहुंची। (Advanced farming model) इसी के चलते सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जिले में बेहतरीन तरीके से खेती हो रही है। यहां के किसान कम लागत एवं कम पानी से ज्यादा उत्पादन कर अच्छा मुनाफा कमा रहे है।

(farming with less water and less cost) यहां जैविक खेती हो रही है जिसमें रासायनिक खाद का कम प्रयोग किया जाता है। (Advanced farming model) जबकि अच्छी पैदावार ली जाती है। यह दूसरे किसानों के लिए भी एक उदाहरण है कि कैसे किसान अपनी मृदा, भूमि को बचाकर भी ज्यादा मुनाफा कमा सकते है। अधीर रंजन ने कहा कि एशिया की सबसे अधिक 180 एकड़ की सीताफल की खेती इस स्थान पर हो रही है वह भी काम पानी और कम खर्च पर। उन्होंने कहा की एक बार राहुल गांधी को भी जरूर यहां लेकर आउगा।

लोक लेखा समिति के सदस्यों ने ने देखी 14 प्रकार के फलों की पैदावार

(Advanced farming model) सांसदों ने यहां पहुंचकर करीब 10 एकड़ में तालाब देखे जिसमें वर्षा का पानी इकठा किया जाता है। इससे भूमि जल में मिला दिया जाता है। बता दें कि एक तालाब में यहां 24 करोड़ लीटर से भी ज्यादा पैन रहता है। इसके अलावा पानी को स्टोर करने के लिए अलग से टैंक भी है। बता दें कि यहां समिति के सदस्यों ने करीब 14 प्रकार के फलों की फैसले भी देखी। ये फल यहां  बिही थाईलैंड, कटहल, नींबू, मौसमी, एप्पल बेर, करौंदा, बिही, स्टारफ्रूड, ड्रैगनफ्रूड, खजूर, वाटर एप्पल, चीकू,  देशी जामुन और सीताफल पल्पिंग प्रोसेसिंग यूनिट भी देखी।

कृषि कॉलेज की नींव रखनी चाहिए: वजीर सिंह  

टीम ने गोमूत्र एवं गोबर खाद से दवा बनाने वाले प्रोजेक्ट्स भी देखे। यहां करीब 300 गाय गिर नेसल की है। इनके गोबर से खाद दवाई बनाने के साथ ही बाकी के गोबर को के तहत बेच दिया जाता है और लाभ कमाया जाता है।

एसजे फॉर्म के संचालक वजीर सिंह और अनिल शर्मा इस मौके पर कहा कि यहां तो कृषि कॉलेज की  नीव रखनी चाहिए। आने वाली पीढ़ियों को भी प्रैक्टिकल नॉलेज मिल सके। समिति सदस्यों में बिहार से सांसद रामगोपाल यादव,उत्तर प्रदेश से लोकसभा सांसद श्यामसिंह यादव, तमिलनाडु से सांसद एम थंबीदुरई, राजनांदगांव के पूर्व सांसद प्रदीप गांधी और छग कांग्रेस कमेटी के महामंत्री जितेंद्र साहू, सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर सत्यपाल सिंह,भी शामिल रहे।

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