इंडिया न्यूज़, छत्तीसगढ़ : Commonwealth Games 2022 : आज इंग्लैंड के बर्मिंघम शहर में 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स का धमाकेदार आगाज़ होने जा रहा है। राष्ट्रमंडल खेल 2022 की शुरुआत गुरुवार की रात 11.30 बजे उद्घाटन समारोह के साथ होगी। कॉमनवेल्थ गेम्स की शुरुआत साल 1930 में हुई थी। वहीं अगर भारत की बात करें तो भारत ने इन खेलों में अब तक 17 बार शिरकत की है। जबकि चार बार ऐसा मौका भी आया जब भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों में भाग नहीं लिया।
भारत ने साल 1930, 1950, 1962 और 1986 में कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा नहीं लिया था। भारत ने 1954 में आजादी के बाद पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लिया था।
28 जुलाई से 8 अगस्त तक चलने वाले खेलों के इस महाकुंभ में इस बार 72 देशों के 5 हजार से ज्यादा खिलाड़ी भाग लेंगे, जिसमें 20 खेलों में 280 इवेंट्स होंगे। वहीं भारत की तरफ से 213 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे, इनमें 110 पुरुष और 103 महिला खिलाड़ी तिरंगे की शान बढ़ाने उतरेंगे।
बैडमिंटन क्षेत्र में भारत को देश की स्टार शटलर पीवी सिंधु से गोल्ड मेडल जीतने की सबसे ज्यादा उम्मीदें होंगी। हैदराबाद की रहने वाली सिंधु का मौजूदा फॉर्म भी काफी शानदार रहा है। उन्होंने हाल ही में सिंगापुर ओपन के ख़िताब पर भी अपना कब्ज़ा जमाया था। 27 साल की सिंधु ने कॉमनवेल्थ गेम्स में अब तक एकल में रजत और कांस्य के अलावा टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। पीवी सिंधु को इस बार राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड मेडल जीतने का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। बता दें कि सिंधु ने 8 साल की उम्र में ही हाथ में रैकेट थाम लिया था।
टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले 28 साल के बजरंग पुनिया से भी सारे भारतवासी गोल्ड की आस लगाए बैठे हैं। बजरंग पुनिया की गिनती भारत के शीर्ष पहलवानों में होती है। बजरंग भारत के मशहूर पहलवान योगेश्वर दत्त के शिष्य हैं। बजरंग आक्रमक शैली की रेसलिंग खेलना पसंद करते हैं। इनका स्टैमिना भी दूसरे पहलवानों के मुकाबले कहीं ज्यादा माना जाता हैं।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारतीय वेटलिफ्टर्स से ज्यादा से ज्यादा मेडल की उम्मीद होगी। ऐसे में एक बार फिर सबकी निगाहें मीराबाई चानू पर टिकी रहेंगी और साथ में इस बात पर भी नज़रें होंगी कि क्या वो अपना ही रिकॉर्ड तोड़ पाएंगी या नहीं। बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के 15 सदस्यीय मजबूत दल में से देश को मीराबाई चानू से गोल्ड मेडल की सबसे अधिक उम्मीदें रहेंगी। हालांकि कॉमनवेल्थ गेम्स में पहले ही एक गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीत चुकी चानू की नजरें क्लीन एंड जर्क में 119 किग्रा के अपने वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ने पर भी होंगी।
भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट के लिए बेशक, टोक्यो ओलंपिक कुछ खास नहीं रहा हो, लेकिन इस होनहार पहलवान की नजर अब कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतने पर है। विनेश 53 किग्रा वर्ग में गोल्ड की प्रबल दावेदार के रूप में उतरेंगी। वह दो बार कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं।
मनिक बत्रा इस समय बहुत ही शानदार फॉर्म में हैं और टेबल टेनिस में उनसे भारतीय दल को गोल्ड मेडल की आस है। गोल्ड गोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स मनिक बत्रा ने चार मेडल जीते थे, जिसमें दो स्वर्ण पदक शामिल हैं। 27 साल की मनिक बत्रा फिलहाल टेबल टेनिस में भारत की टॉप खिलाड़ी हैं और सिंग्लस रैंकिंग में इस समय 41वें स्थान पर हैं।
भारत बर्मिंघम में 28 जुलाई से 8 अगस्त तक होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में 10 सदस्यीय बैडमिंटन स्क्वॉड भेज रहा है। इन 10 खिलाड़ियों में भारत को अपने जिन दो खिलाड़ियों से मेडल की सबसे ज्यादा उम्मीद होगी, वे हैं पीवी सिंधु और लक्ष्य सेन। यंग इंडियन स्टार शटलर लक्ष्य सेन बर्मिंघम में उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिससे चार महीने पहले वे चूक गए थे। चार महीने पहले लक्ष्य ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच कर गोल्ड मेडल जीतने से चूक गए थे लेकिन इस बार वो भारत के लिए गोल्ड लाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगें।