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Republic Day 2024: कैसे और कौन तय करता है मुख्य अतिथि, जानें यंहा

• LAST UPDATED : January 26, 2024

India News(इंडिया न्यूज़), Republic Day 2024: देश अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस राष्ट्रीय पर्व को खास बनाने के लिए इस बार कई बदलाव किए गए हैं। गणतंत्र दिवस की थीम जहां महिलाओं को केंद्र में रखकर बनाई गई है, वहीं परेड और झांकियों में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व होता है। इस साल के समारोह के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन हैं।

मुख्य अतिथि कैसे चुना जाता है? (Republic Day 2024)

यह प्रक्रिया घटना से करीब छह महीने पहले शुरू हो जाती है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान विदेश मंत्रालय शामिल रहता है। किसी भी देश को आमंत्रित करने के लिए सबसे पहले यह देखा जाना चाहिए कि भारत और दूसरे संबंधित देश के बीच मौजूदा संबंध कितने अच्छे हैं। इसका निर्णय भी देश के राजनीतिक, आर्थिक, सैन्य और वाणिज्यिक हितों को ध्यान में रखकर लिया जाता है। सबसे पहले विदेश मंत्रालय संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार करता है और फिर इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पास भेजा जाता है। इसके बाद संबंधित मुख्य अतिथि की उपलब्धता देखी जाती है। फिर उन्हें निमंत्रण भेजा जाता है।

मुख्य अतिथि को बुलाना कब शुरू किया?

मुख्य अतिथियों को आमंत्रित करने की शुरुआत 26 जनवरी 1950 को भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह से हुई। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो भारत के पहले गणतंत्र दिवस परेड के पहले मुख्य अतिथि थे।

कौन से देश हमारे मुख्य अतिथि रहे हैं?

1968 और 1974 में दो बार ऐसा हुआ जब भारत ने एक ही गणतंत्र दिवस पर दो देशों के मुख्य अतिथियों को आमंत्रित किया। 11 जनवरी 1966 को ताशकंद में प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के कारण कोई निमंत्रण नहीं भेजा गया। इंदिरा गांधी ने गणतंत्र दिवस से ठीक दो दिन पहले 24 जनवरी 1966 को शपथ ली। 2021 और 2022 में भी भारत में कोरोना महामारी के कारण कोई मुख्य अतिथि नहीं था। इस कार्यक्रम में भारत ने सर्वाधिक 36 एशियाई देशों को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। इसके बाद यूरोप के 24 देश और अफ्रीका के 12 देश गणतंत्र दिवस पर हमारे मेहमान बने हैं। भारत ने दक्षिण अमेरिका के पांच, उत्तरी अमेरिका के तीन और ओशिनिया क्षेत्र के एकमात्र देश की मेजबानी की है।

गणतंत्र दिवस में अतिथि देश क्यों महत्वपूर्ण है?

भारत के गणतंत्र बनने के बाद से ही इस समारोह में मुख्य अतिथि को आमंत्रित करने की परंपरा रही है। भारत हर साल नई दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह के लिए किसी अन्य देश के राष्ट्राध्यक्ष या सरकार के प्रमुख को राजकीय अतिथि के रूप में आमंत्रित करता है। रणनीतिक, आर्थिक और राजनीतिक हितों पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद ही अतिथि देश का चयन किया जाता है। दूसरे शब्दों में, गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि का निमंत्रण भारत और आमंत्रित व्यक्ति के देश के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों का एक उदाहरण माना जाता है।

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