India News (इंडिया न्यूज़), Nobel Prize 2023: आज के समय में वैज्ञानिकों के कारण ही सारे देश आगे की ओर बहुत तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। चाहे हम बात करें चांद पर जाने की या फिर कोविड के समय में पूरी दुनिया को बचाने के लिए रात-दिन मेहनत करने की। वहीं 2023 में मेडिसिन का नोबल पुरस्कार साइंटिस्ट कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को दिया गया है। बता दें कि यह सम्मान उन्हें न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित उनकी खोजों के लिए दिया गया है, जिसने कोविड -19 के खिलाफ प्रभावी एमआरएनए टीकों के विकास को सक्षम किया है।
कैटालिन कारिको हंग्री की निवासी है, 17 जनवरी 1955 में उनका जन्म हुआ, वह एक जानी-मानी हंगेरियन-अमेरिकी बायोकेमिस्ट हैं। बता दें कि कैटलिन का शोध प्रोटीन थेरेपी के लिए इन विट्रो-ट्रांसक्राइब्ड एमआरएनए का विकास रहा है साथ ही उनकी एक पहचान पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर की भी है। कारिको का बचपन आसान नहीं रहा है। वह एक छोटे से घर में रहते थे, जिसमें न तो पानी, रेफ्रिजरेटर या टेलीविजन जैसी कोई भी सुविधाएं तक नहीं थी, उनके पिता एक कसाई थे और उनकी माँ एक मुनीम थी।
वहीं उनके माता-पिता हंगरी में रिफॉर्म्ड चर्च के सदस्य भी थे। कोरिको ने अपनी प्राथमिक शिक्षा के दौरान विज्ञान में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। साथ ही उन्होंने जीव विज्ञान प्रतियोगिता में देश में तीसरा स्थान कायम किया। वहीं साल 1985 में अपने पति और 2 साल की बेटी के साथ हंगरी छोड़कर अमेरिका चली गई।
यहां आ कर भी उन्होंने वैज्ञानिक शोध जारी रखे। साथ ही कारिको के काम में आरएनए-मिडिएटेड मैकेनिज्म का वैज्ञानिक अनुसंधान शामिल है। और इसी की वजह से वह अमेरिकी प्रतिरक्षा विज्ञानी ड्रू वीसमैन के साथ न्यूक्लियोसाइड संशोधनों की खोज में जुट गईं। उनको प्रोटीन प्रतिस्थापन तकनीकों को BioNTech और मॉडर्ना द्वारा विकसित करने के लिए लाइसेंस दिया गया है, लेकिन उन्होंने इसका उपयोग COVID-19 टीकों के लिए भी किया बता दें कि कारिको और वीसमैन को कई पुरस्कार भी मिले हैं।
जिनमें लास्कर-डेबेकी क्लिनिकल मेडिकल रिसर्च अवार्ड, 2021 में टाइम मैगजीन का हीरो ऑफ द ईयर और 2022 में बायोफार्मास्युटिकल साइंस में टैंग पुरस्कार भी शामिल हैं, वहीं साल 2023 में ड्रू वीसमैन के साथ फिजियोलॉजी या मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार भी मिला है।
साल 1959 में ड्रू वीसमैन का जन्म अमेरिका में हुआ था। वहीं वह एक अमेरिकी चिकित्सक-वैज्ञानिक हैं जिन्हें आरएनए जीव विज्ञान में उनके योगदान के लिए भी जाना जाता है। साल 2023 में उन्हें अपने काम के लिेए चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार मिला। बता दें कि उन्होंने एमआरएनए टीकों के विकास को सक्षम करने में मदद की, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध बायोएनटेक/फाइजर और मॉडर्ना कोविड -19 में इस्तेमाल किए गए थे।
वहीं वह वीसमैन वैक्सीन रिसर्च में रॉबर्ट्स फैमिली के शुरुआती प्रोफेसर हैं साथ ही वो आरएनए इनोवेशन के लिए पेन इंस्टीट्यूट के निदेशक और पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में पेरेलमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन में मेडिसिन के प्रोफेसर भी हैं।
बता दें कि वीसमैन ने सन् 1981 में ब्रैंडिस यूनिवर्सिटी से बीए और एमए की उपाधि प्राप्त की, जहां उन्होंने जैव रसायन और एंजाइमोलॉजी में पढ़ाई की और साथ ही उन्होंने गेराल्ड फासमैन की प्रयोगशाला में काम भी किया। वहीं उन्होंने सन् 1987 में बोस्टन विश्वविद्यालय में एमडी और पीएचडी प्राप्त करने के लिए इम्यूनोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी में स्नातक कार्य किया।
इसके बाद, वीसमैन ने बेथ इज़राइल डेकोनेस मेडिकल सेंटर में रेजीडेंसी की, साथ ही एनआईएच में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज के तत्कालीन निदेशक एंथोनी फौसी की देखरेख में फेलोशिप प्राप्त भी की।
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