India News (इंडिया न्यूज), Eye Flu, रायपुर: आईफ्लू या गुलाबी आंख (आम भाषा में लोग इसे आंख आना भी बोलते हैं) के मामलों में वृद्धि को देखते हुए, छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने स्कूल शिक्षा विभाग और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति विकास विभाग को एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें उन्हें निवारक उपायों को लागू करने और शिक्षा संस्थानों में आवश्यक दिशानिर्देश प्रसारित करने का निर्देश दिया है।
महामारी नियंत्रण निदेशक ने सर्कुलर में इस बात पर प्रकाश डाला कि नेत्रश्लेष्मलाशोथ एक संक्रामक रोग है जो मुख्य रूप से संपर्क से फैलता है।
स्कूल शिक्षा विभाग और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति विकास विभाग के सभी छात्रों को इसके लक्षण, उपचार और रोकथाम सहित व्यापक जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया है।
स्वास्थ्य विभाग जेंटामाइसिन (Gentamicin), सिप्रोफ्लोक्सासिन (Ciprofloxacin) या मोक्सीफ्लोक्सासिन (Moxifloxacin) जैसे एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स के उपयोग की सलाह देता है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इन एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स की एक बूंद तीन दिनों तक दिन में छह बार डालना होता है और अगर लक्षण बने रहते हैं, तो व्यक्तियों से नेत्र रोग विशेषज्ञ से सलाह लेने की बात कही गई है।
आपको बता दें कि राज्य भर के मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों, सीएचसी और पीएचसी पर गुलाबी आंख की मुफ्त जांच और इलाज उपलब्ध है।
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