India News (इंडिया न्यूज़),CG News: छत्तीसगढ़ में तेंदुओं की संख्या कम हुई है। ये जानकारी ताजा रिपोर्ट मे दी गई है। प्रदेश में तेंदुआ की संख्या कम होने पर वन्यजीव कार्यकर्ताओं ने चिंता जताई है और बेहतर वन्यजीव प्रबंधन की अपील की है। रिपोर्ट में पाया गया कि तेंदुओं की संख्या 2018 में 852 से घटकर 2022 में 722 रहने की खबर सामने आई है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 29 फरवरी को तेंदुओं की संख्या में रिपोर्ट जारी की गई है।
तेंदुआ की संख्या में कमी होने पर जिंता व्यक्त करते हुए वन्यजीव कार्यकर्ताओं ने अवैध शिकार को रोकने, लोगों के बीच जागरूकता फैलान औैर बेहतर वन्यजीव प्रबंधन के उपाय करने की पहल की है। ये रिपोर्ट राज्य वन विभागों के सहयोग से राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा तेंदुए की आबादी के आंकड़ों पर आधारित है।
रिपोर्ट में पाया गया कि ‘‘छत्तीसगढ़ में 2022 में तेंदुओं की अनुमानित संख्या 722 है, जबकि 2018 में यह संख्या 852 थी, 4 साल में तेंदुए की संख्या में गिरावट पाई गई है। इसमें कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में 55,717 वर्ग किलोमीटर का वन क्षेत्र है, जो राज्य के कुल क्षेत्रफल का 41.21 प्रतिशत है। उत्तरी छत्तीसगढ़ में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान-तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य स्थित है, जो मध्य प्रदेश के जंगलों के माध्यम से अचानकमार बाघ अभयारण्य से जुड़ा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अचानकमार, उदंती-सीतानदी और इंद्रावती बाघ अभयारण्यों में 76, 28 और तीन तेंदुओं की अनुमानित संख्या है, जबकि इन क्षेत्रों का उपयोग करने वाले तेंदुओं की संख्या क्रमशः 108, 52 और तीन है। रिपोर्ट में पाया गया कि अचानकमार बाघ अभयारण्य में तेंदुए का घनत्व 7.19 प्रति 100 वर्ग किमी था, जो 2018 के पिछले अनुमान से ज्यादा अलग नही है।
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