Saturday, May 18, 2024
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CG News: छत्‍तीसगढ़ की पहली महिला बनी सेना में डॉक्टर, पहले लेफ्टिनेंट की पद पर थी जोया मिर्जा

India News ( इंडिया न्यूज ) CG News: देशभक्ति का जज्बा देखिए। इसी जुनून की बदौलत दुर्ग की बेटी आज सेना में लेफ्टिनेंट डॉक्टर बन गई है। जोया ने बचपन से जो सपना देखा था वह पूरा हो गया। सुभाष नगर दुर्ग निवासी जोया मिर्जा ने वर्ष 2023-24 में आर्म्स फोर्ड मेडिकल कॉलेज पुणे से एमबीबीएस किया। दो और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में चयन होने के बाद भी उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए पुणे के आर्म्स फोर्ड मेडिकल कॉलेज को चुना।

बचपन से ही था ये सपना

जोया मिर्जा ने साल 2017 में केपीएस भिलाई से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने NEET की तैयारी शुरू कर दी। साल 2019 की NEET परीक्षा में उन्होंने 622 अंक हासिल किए। छत्तीसगढ़ में उन्होंने 11वीं रैंक हासिल की। जोया का चयन एमबीबीएस के लिए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, नागपुर और अहमदाबाद में भी हो गया था। चाचा मिर्जा रफी ने बताया कि जोया का सपना बचपन से ही देश की सेवा करने का था, वह सेना में भर्ती होना चाहती थी। इस कारण एमबीबीएस के लिए उनकी प्राथमिकता आर्म्स फोर्ड मेडिकल कॉलेज, पुणे थी।

एडमिशन पानें में रहीं सफल

यहां एडमिशन के लिए साल 2019 में काउंसलिंग हुई थी। पुणे के आर्म्स फोर्ड मेडिकल कॉलेज में लड़कियों के लिए 30 सीटें थीं। जिनमें से पांच सीटें विदेशियों ने ले लीं। कम सीटों के बावजूद जोया यहां एडमिशन पाने में सफल रहीं। इसके बाद चयनित विद्यार्थियों को शारीरिक प्रशिक्षण भी दिया गया। साढ़े चार साल तो ट्रेनिंग में ही निकल गए। यहां प्रशिक्षण के दौरान जोया ने परीक्षा में चार विषयों में विशेष दक्षता हासिल करने के साथ ही बास्केटबॉल में राष्ट्रीय स्तर पर भी अपना स्थान बनाया।

इस दिन पूरा हुआ सपना

28 अप्रैल 2024 को लेफ्टिनेंट डॉक्टर के पद पर ज्वाइन करते ही जोया का देश सेवा का सपना भी पूरा हो गया, जो उन्होंने बचपन से देखा था। सेना में लेफ्टिनेंट डॉक्टर के पद पर तैनात दुर्ग की बेटी जोया की यह उपलब्धि न केवल मुस्लिम समुदाय के लिए बल्कि छत्तीसगढ़ के लिए भी गर्व की बात है। जोया की यह उपलब्धि आने वाले विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक होगी। जोया को इस मुकाम तक पहुंचने में उनके माता-पिता और शिक्षकों का बहुत बड़ा सहयोग रहा।

पिता पिच क्यूरेटर, मां टीचर

जोया का पूरा परिवार शिक्षित है। पिता मिर्जा शमीम अहमद ने इतिहास में एफ।फिल किया है। उन्होंने विभिन्न कॉलेजों में प्रोफेसर के रूप में कार्य किया है। वर्तमान में वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, रायपुर में पिच क्यूरेटर के रूप में कार्यरत हैं। उन्हें आईपीएल मैचों में दो बार भारत के सर्वश्रेष्ठ पिच क्यूरेटर का पुरस्कार भी मिल चुका है। जोया की मां परवीन मिर्जा ने एमएससी की है। वर्तमान में वे कवर्धा ब्लॉक के स्कूल में शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं।

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