India News CG ( इंडिया न्यूज), Pregnancy Tips: प्रेग्नेंट महिलाओं को तनाव से बचना बेहद जरूरी है, क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान अत्यधिक तनाव गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है। एक नई स्टडी में यह चेतावनी दी गई है कि प्रेग्नेंसी के आखिरी कुछ महीनों में अधिक तनाव लेने से जन्म से पहले ही बच्चे का IQ लेवल कम हो सकता है। हम आपको बता दें कि IQ किसी भी व्यक्ति की मानसिक क्षमता को मापने का मानक तरीका होता है।
इस रिसर्च में सबसे दिलचस्प बात यह सामने आई है कि प्रेग्नेंसी के दौरान तनाव का असर केवल बेबी बॉय के आईक्यू पर पड़ता है, जबकि बेबी गर्ल के आईक्यू पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता। शोधकर्ताओं के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो तनाव के समय और बढ़ जाते हैं। यह अतिरिक्त तनाव गर्भ में पल रहे शिशु के मस्तिष्क के विकास पर नकारात्मक असर डाल सकता है, खासकर बेबी बॉय के मस्तिष्क पर। गर्भ में पल रहे लड़कों का मस्तिष्क विकास इस दौरान अधिक सेंसिटिव होता है, जो तनाव के कारण अधिक प्रभावित हो सकता है। इसलिए, गर्भवती महिलाओं को चाहिए कि वे अपनी मानसिक सेहत का विशेष ध्यान रखें और तनावपूर्ण स्थितियों से बचें।
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, प्रेग्नेंसी के आखिरी महीनों में अगर माँ को बहुत ज्यादा तनाव होता है, तो उसका असर गर्भ में पल रहे लड़के के आईक्यू पर पड़ सकता है। जब माँ को तनाव होता है, तो उसके शरीर में एक हार्मोन बनता है जिसे कोर्टिसोल कहते हैं। यह हार्मोन शरीर को तनाव से निपटने में मदद करता है। लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान अगर इस हार्मोन का स्तर बहुत ज्यादा हो जाए, तो यह गर्भ में पल रहे बच्चे के दिमागी विकास को प्रभावित कर सकता है। साथ ही साथ हम आपको बता दें कि लड़कों के आईक्यू पर इसका असर पड़ता है, लेकिन लड़कियों के IQ पर नहीं। इसलिए, प्रेग्नेंट महिलाओं को तनाव से दूर रहना चाहिए ताकि उनके बच्चे का दिमागी विकास सही तरीके से हो सके।
इस स्टडी के लिए रेसेअर्चेर्स ने 943 गर्भवती महिलाओं के तीसरे ट्राइमेस्टर के दौरान उनके कोर्टिसोल और कोर्टिसोन स्तर की जांच की। इन महिलाओं के बच्चों के सात साल की उम्र में आईक्यू परीक्षण भी किए गए। अध्ययन में यह पाया गया कि जिन महिलाओं के गर्भ में लड़का था, उनके खून में कोर्टिसोल का स्तर उन महिलाओं की तुलना में कम था, जिनके गर्भ में लड़की थी।
मुख्य निष्कर्ष यह थे कि जिन लड़कों की मांओं का कोर्टिसोल स्तर गर्भावस्था के दौरान अधिक था, उन्होंने सात साल की उम्र में IQ टेस्ट में कम नंबर हासिल किए। इसके विपरीत, उच्च कोर्टिसोल स्तर वाली मांओं की लड़कियों ने आईक्यू टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन किया।
स्टडी की प्रमुख लेखिका डॉ. अंजा फेंगर ड्रेयर के अनुसार, यह पहली स्टडी है जिसने गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के यूरिन में कोर्टिसोन के स्तर और उनके बच्चों के आईक्यू स्कोर के बीच संबंध की जांच की है। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में तनाव का हार्मोन कोर्टिसोल का उच्च स्तर गर्भ में पल रहे लड़कों के आईक्यू को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है, जबकि लड़कियों पर इसका विपरीत असर नहीं पड़ता है।
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