India News (इंडिया न्यूज़), Women Reservation Bill: आज पांच दिवसीय विशेष सत्र का दूसरा दिन था। जिसमें केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण बिल को लेकर अपनी बात रखी है। इस मुद्दे को लेकर अलग-अलग पार्टी के अलग-अलग नेता अपनी प्रतिक्रियाएं देने में लगे हैं। इसी बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि ये देखना होगा कि महिला आरक्षण बिल किस प्रकार से लागू किया जाता है। अभी तो इस विषय पर संसद में चर्चा होगी। जिसके बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा।
अगले साल देश में लोकसभा चुनाव होना है। ऐसे समय में बीजेपी देश की महिला मतदाताओं को साधने की कोशिश में लगी है। ये बिल पिछले 27 सालों से लंबित था। जिसके लिए विपक्षी दल भी मांग कर रहे थें। इस विशेष सत्र के शुरु होने से पहेल ही सर्वदलीय बैठक में विपक्षी नेताओं ने बिल (Women Reservation Bill) को पारित करने की मांग की थी। यदि इस बिल को दोनों सदनों से पास कर दिया गया तो सभी राज्यों के विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित हो जायेंगी। बता दें कि इस समय लोकसभा में 82 महिला सांसद हैं। यानि लगभग लगभग 15 फीसदी महिलाएं है, जबिक राज्यसभा में 250 सदस्यों में से सिर्फ 31 महिलाएं यानि की लगभग 13 फीसदी महिलाएं हैं।
बता दें कि आज यानि मंगलवार 19 सितंबर को संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र का दूसरा दिन था। खास बात ये थी कि आज से संसद के नए भवन में काम-काज शुरू हो कर दिया गया। ऐसे में पीएम मोदी ने नए संसद भवन में अपने संबोधन में महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) पर बात की उन्होंने कहा कि कई बार महिला आरक्षण बिल पेश किया गया लेकिन बिल को पास कराने के लिए पर्याप्त बहुमत नहीं था और इस वजह से यह सपना अधूरा रह गया।
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