इंडिया न्यूज़, Chhattisagrh : Tribal Reservation : आदिवासी आरक्षण बचाने के लिए राज्य सरकार ने तीन वरिष्ठ वकीलों को चयन किया है। ये तीनो वकील प्रदेश के आरक्षण मामले में सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष राज्य का पक्ष रखेंगे। इसके लिए राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल,मुकुल रोहतगी और अभिषेक मनु सिंधवी इन तीन वकीलों का चयन किया है। इन तीनों वकीलों को विशेष पैनल में नियुक्त करने का कार्य शुरू कर दिया है। इन वकीलों के माध्यम से सरकार जल्दी ही उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी।
जानकारी के अनुसार, बिलासपुर हाईकोर्ट में आरक्षण को लेकर कोर्ट में मामला आया था। जिसे हाईकोर्ट 19 सितम्बर को इस मामले में अपना फैसला सुनाया था। जिसमे छत्तीसगढ़ के 58% आरक्षण को असंवैधानिक बता दिया था। उसके साथ ही अनुसूचित जनजाति का आरक्षण 32% से घटकर 20% हो गया। वहीं अनुसूचित जाति का आरक्षण 12% से बढ़कर 16% हो गया। जिसके कारण प्रदेश भर के लोग बवाल मचा रहे है।
इस मामले पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि “12 साल पहले बीजेपी सरकार सता में होने पर बिना तैयारी किए आरक्षण बढ़ाया था। जिसे औचित्य कोर्ट के सामने बिलकुल भी नहीं रखा गया। इस बात का खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ा है। इस मामले पर अध्ययन होने के बाद हम सब न्यायालय जायेगे।
इस पुरे मामले को राज्य सरकार द्वारा चुने गए तीन वकील सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष राज्य का पक्ष रखेंगे। राज्य सरकार ने इस मामले को न्यायालय के सामने विशेषज्ञ पैनल के गठन के लिए कपिल सिब्बल, मुकुल रोहतगी और अभिषेक मनु सिंघवी के नाम सुझाए थे। इसको लेकर राज्य के एडवोकेट जनरल सतीश चंद्र वर्मा ने मंजूरी दे दी है। जिसके लिए कार्य शुरू कर दिया गया है।
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