इंडिया न्यूज़, Chhattisgarh News: पिछले कुछ समय से छत्तीसगढ़ में लगातार वर्षा हो रही है, जिसके चलते टमाटर की फसल को काफी नुकसान हुआ है। बाजार में टमाटर की कीमत में एकदम से उछाल देखने को मिला है। टमाटर के मूल्य में वृद्धि होने के कारण गरीब लोगों को टमाटर खरीदता मुश्किल हो रहा है क्योकि अब टमाटर भी सेब के भाव बिकने लगा है।
(Tomato crop damaged due to continuous rain in Chhattisgarh) कुछ दिन पहले जहां टमाटर का भाव सिर्फ 30 रुपये प्रतिकिलो था, वही अब बढ़कर 70 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गया है। हालांकि इस साल पिछले साल के मुकाबले अगस्त के अंत तक सिर्फ 40 फीसदी ही वर्षा हुई थी। लेकिन अब सितंबर के अंत में बारिश के कारण टमाटर की फसल खराब हो गई है।
सिचाई विभाग के मुताबिक प्रदश के करीब 3 बांधों को छोड़कर बाकि सभी बांधो में 90 फीसदी से ज्यादा पानी भरा हुआ है। बारिश कम होने के कारण इस बार टमाटर की फसल अच्छी हो रही थी जिससे किसानों में ख़ुशी की लहर थी। लेकिन माह के अंत में लगातार करीब 7 दिन तक हुई बारिश ने सारे सपनों पर पानी फेर दिया है।
क्योंकि इससे टमाटर की फसल खराब हो गई है जिससे किसानों को अच्छा लाभ हो रहा था। जशपुर के एक किसान ने बताया कि उसने करीब 3 एकड़ में टमाटर की खेती की हुई है। जिससे अच्छा मुनाफा हो रहा था, लेकिन बारिश के कारण सारी फसल तबाह हो गई थी। जिससे करीब 90 हज़ार का नुकसान हुआ है।
बारिश के बाद प्रदेश के इन क्षत्रों से (बागबहार, कोतबा और लुड़ेग) टमाटर आना बंद हो गया था। जिसके चलते टमाटर का दाम 30 रूपये से 60 रुपये तक पहुंच गया था। हालांकि अगर कुछ समय तक और टमाटर कम आते तो इसकी कीमत 80 रुपये तक भी पहुंच सकती थी।
(people have to spend extra on vegetables) जिससे मंडी से बाहर बाजार में टमाटर की कीमत 100 रुपये तक भी पहुंच सकती थी। हालांकि अभी जशपुर में बेंगलुरु से टमाटर आ रहे है। सब्जी विक्रेताओं ने कहा कि जब तक स्थानीय टमाटर मंडी में नहीं आएगा तब तक टमाटर की कीमत कम नहीं होगी। कहा जा रहा है कि अब जैसे ही मौसम खुलेगा तो स्थानीय टमाटर फिर से आना शुरू हो जाएगें।
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