India News (इंडिया न्यूज़), Anant Sharma/Ticket distribution: छत्तीसगढ़ में चुनाव क़रीब है। माना जा रहा है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में प्रदेश में आचार संहिता लग जाएगा। इधर कांग्रेस में प्रत्याशियों की पहली लिस्ट को लेकर पार्टी के अंदर खूब चर्चा चल रही है। आठ सितंबर तक कांग्रेस की लिस्ट आने की बात कही जा रही थी, लेकिन पहली सूची को लेकर और इंतज़ार करना पड़ सकता है। दूसरी ओर बीजेपी की दूसरी लिस्ट भी अटक गई है।
मीडिया में तरह तरह की चर्चा चल रही है। 30 नाम तय होने की चर्चाए जोड़ो पर है। हालाँकि इन नामों को लेकर अधिकृत तौर पर कही से भी किसी का बयान नहीं आया है। ऐसा इसलिए भी है कि प्रत्याशी चयन की प्रक्रियाओं का दौर कांग्रेस में जारी है। पहले ब्लॉक लेबल से आवेदन मंगाए गए, फिर ज़िला स्तर पर नाम मंगाये गए और उसके बाद प्रदेश चुनाव समिति के पास नाम आया। दावेदारो के नामों पर पैनल तैयार हुआ है। उस पर आज रायपुर में होने वाली स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में चर्चा होगी।
दूसरी ओर बीजेपी में दूसरी लिस्ट को लेकर अभी बड़ी असमंजस की स्थिति नज़र आ रही है। पहले ये माना जा रहा था कि 31 अगस्त तक दूसरी सूची आ जाएगी। जिसके बाद 3 सितंबर तक सूची आने की बात हुई। तीन के बाद सात सितंबर बीत चुका है लेकिन दूसरी सूची का अता पता नहीं है। कांग्रेस इसे लेकर चुटकी ले रही है। कैबिनेट अमरजीत भगत ने कहा कि सही समय पर सही काम होना चाहिए। जल्दी का काम शैतान का है।
बड़े बड़े नेताओं ने अपना टिकट रोक कर रखा है। जो नए है उन्हें उतार दिए है। कभी भी पहले टिकट जारी नहीं किया जाता। लंबा चलते चलते हांफ जाएंगे। स्वाभाविक है कांग्रेस की क्रिया पर बीजेपी की प्रतिक्रिया आनी थी। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मौत और कांग्रेस की टिकट का कोई भरोसा नहीं है, इसलिए कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी नहीं बल्कि इसे कांग्रेस के इंटरनल कमेटी कहना सही होगा। जिसमे अलग-अलग नेताओं के कोटें बटे हुए हैं और इसलिए कार्यकर्ताओं को विश्वास नहीं है कि कांग्रेस में जो टिकट का वितरण होगा वह निष्पक्ष होगा या नहीं होगा।
बहरहाल दोनों ही राष्ट्रीय पार्टी में प्रत्याशी चयन के लिए मंथन जारी है, मंथन नहीं ये कहिए टेंशन भारी है। अब आगे देखनी वाली बात है कि दोनों पार्टियो की प्रत्याशियों की सूची कब तक आती है।
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