इंडिया न्यूज़, Madhya Pradesh News: स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों के अनुसार मध्यप्रदेश में लिंगानुपात में सुधार आया है। लिंग अनुपात में प्रति 1000 पुरुषों पर 970 महिलाओं का सुधार किया है।
लिंगानुपात सुधार पर पीसीपीएनडीटी कार्यक्रम के जानकार एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “नियमित निगरानी, लिंग अनुपात के आधार पर ए से डी तक चार श्रेणियों के तहत जिलों का वर्गीकरण, सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम में सुधार, आईईसी सुधार, लिंग पहचान को रोकने के लिए कड़े ढांचे और अन्य।”
विभाग ने जिला निरीक्षण एवं अनुश्रवण समिति के प्रपत्रों का मानकीकरण भी किया है तथा मुखबीर योजना में लिंग चयनात्मक गर्भपात की सूचना देने के प्रोत्साहन को दोगुना करने के साथ-साथ नियमित निरीक्षण के लिए उन्हें प्रेरित करने के लिए मानदेय में वृद्धि की है। अधिकारी ने दावा किया, “इन सभी कदमों ने एक साथ भुगतान किया है”।
सर्वेक्षण के आंकड़ों ने आगे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या के लिंग अनुपात में विभाजन को दिखाया। राज्य के इन भागों में प्रति 1000 पुरुषों पर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या अधिक है अर्थात शहरी क्षेत्रों में 976 की तुलना में 976 महिलाएं हैं।
0-6 साल के समूह के मामले में, शहरी क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों में 939 की तुलना में प्रति 1000 पुरुषों पर 944 महिलाएं हैं, जैसा कि एनएफएचएस-5 सर्वेक्षण रिकॉर्ड से पता चलता है।
जिलेवार विभाजन के मामले में, राज्य के औसत से जन्म के समय बेहतर लिंगानुपात वाले 20 जिले हैं। मध्य प्रदेश में 12 जिले ऐसे हैं जो जन्म के समय लिंगानुपात में गिरावट की प्रवृत्ति दिखा रहे हैं, जबकि 19 ने राज्य के औसत से कम आंकड़े दर्ज किए हैं।
ये भी पढ़े: मध्य प्रदेश के नीमच जिले में विकलांग बुजुर्ग की पीट-पीटकर हत्या
ये भी पढ़े: एनएचआरसी ने मप्र सरकार को जारी किया नोटिस