इंडिया न्यूज़,Chhattisagrh : Scientific Name panic Mite Spider: छत्तीसगढ़ में भारी बारिश के बाद पहले ही काफी फसलों का नुकसान हो चूका है। प्रदेश में इस साल 57 लाख एकड़ में धान की सफल बोया गया है। जिसके बाद भी किसानो की समस्या बनी हुई है। बारिश के बाद अब धान के खेतों पर एक अदृश्य ‘मकड़ी’ने हमला बोल दिया है। इसका नाम साइंटिफिक नेम पेनिकल माइट है।
जो धान की फसलों को इस प्रकार से खराब कर रही है, जिसके कारण धान की फैसले पूरी तरह काली-भूरी हो रही है। कृषि वैज्ञानिकों का अनुमान है कि एक एकड़ में औसतन 25 क्विंटल धान पैदा हो रहा है, तो प्रभावित जिलों में मकड़ी 2 से 5 क्विंटल तक धान बर्बाद कर रही है।
इस मकड़ी ने पुरे प्रदेश में तांडव मचाया हुआ है। प्रदेश के धमतरी, महासमुंद, रायपुर, जांजगीर और गरियाबंद जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। राज्य के कईइलाकों में इसका प्रकोप देखने को मिल रहा है। कृषि केंद्रों ने इस साइंटिफिक नेम पेनिकल माइट के ऊपर अलग अलग इलाकों को में जाकर जांच की है।परन्तु अभी तक किसी भी प्रकार की कोई राहत की खबर सामने नहीं आई है। किसानों ने बताया कि अब समय फसलों के पकने का है, परन्तु बालिया तो है अंदर दाना गायब है।
किसानो ने बताया कि एक एकड़ में जहां 25 क्विंटल धान की पैदावार है, इसमें से 3 से 5 क्विंटल का नुकसान झेलना पड़ रहा है। राज्य के किसान इस अंजनी बीमारी के प्रति बिल कुल भी नहीं जानते। किसानो के पास इस बीमारी से बचने के लिए किसी भी प्रकार कि कीटनाशक नहीं है। कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि बाजार में 60 कंपनियों के 200 फेक कीटनाशक बाजार में हैं। मगर, विभाग जांच तक नहीं करता, सैंपलिंग-टेस्टिंग-एक्शन तो दूर की बात है। जिसके कारण नुकसान किसान भुगत रहे है।
हाइब्रिड, सुगंधित किस्मों जैसे- सांभा, स्वर्णा, महामाया, राजेश्वरी, एचएमटी श्री राम आदि में पेनिकल माइट का आक्रमण सर्वाधिक देखा गया है। राज्य के अधिकतर किसान इन्हीं किस्मों की फसल लेते हैं।
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