India News (इंडिया न्यूज), School buses Surguja: छत्तीसगढ़ में लगातार बच्चों के जान के साथ खिलवार करने का मामला सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि प्रदेश के सरगुजा जिला के साथ-साथ संभाग के निजी स्कूलों की बसें (School buses) भी बिना परमिट व फिटनेस की चलाई जा रही है।
बस संचालक अपने फायदे के लिए बच्चों की जान से खिलवार करने पर उतर गए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक सरगुजा जिले में लगभग 60 बसें परमिट और फिटनेस के बिना चलाए जा रहें है। इसी मामले को लेकर आरटीओ ने बसों को जब्त करने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि इसे लेकर पहले भी कई नोटिस दी जा चुकी है लेकिन बस संचालक इसे मानने को तैयार नहीं हैं।
प्रदेश के कई स्कूलों मे बच्चों को घर से स्कूल ले जाने के लिए और स्कूल से घर तक पहुंचाने के लिए बस चलाया जाता है। जिसके लिए बच्चों के अभिवाकों से भारी रकम वसूले जातें हैं। इसके बाद भी स्कूल बसों के संचालकों द्वारा लगातार बड़ी लापरवाही की जा रही है। आरटीओ ने इस बात का खुलासा करते हुए एक डेटा जारी किया है। जिसके मुताबिक स्कूली बच्चों को ले जाने और लाने के लिए 476 बसें पंजीकृत है। जिसमें सबसे ज्यादा सरगुजा जिले से 265 स्कूल बस संचालित है। इन सभी बसों में 207 बसों के संचालकों के पास ही स्कूल बसों के संचालन का परमिट और फिटनेस प्रमाण पत्र है बाकि 58 बसें बिना परमिट के चलाई जा रही है।
बता दें कि अवैध रुप से संचालित की जा रही बसों (School buses) पर कार्रवाई शुरु कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबक 12 वर्षों तक ही किसी भी बस को स्कूल सेवा का परमिट होता है। उसके बाद स्कूल बस का पंजीयन खुद हीं निरस्त माना जाता है। जिसके बाद यह बसें यात्री यान के रूप में उपयोग की जासकती हैं। बता दें कि अवैध रुप से चलाए जा रहे एक निजी स्कूल बस को गोधनपुर से जब्त किया गया है। जिस पर कार्रवाई की गई है।
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