इंडिया न्यूज़, Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में सरकार की ओर से उड़द, मूंग, अरहर को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का फैसला लिया गया है। जिससे किसानों को बहुत लाभ होगा। अब किसान अपनी इन फसलों को गरियाबंद के वेयरहाउस गोदाम के उपार्जन केन्द्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच सकेगें, इसके लिए प्रदेश के कृषि विभाग एवं सहकारी विपणन संघ मर्यादित ने जरूरी तैयारी शुरू कर दी है। ताकि खरीद में किसी भी प्रकार की मुश्किल का सामना न करना पड़े।
कृषि उप संचालक मोनेश साहू ने कहा कि जो किसान अपनी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचना चाहते है वह 31 अक्टूबर तक पंजीकरण करवा सकते है इसके लिए एकीकृत किसान पोर्टल खोला गया है जिसपर पंजीकरण कराकर किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल तो बेच ही सकते है, साथ ही कई अन्य योजनाओं का भी लाभ उठा सकते है।
जैसे की पहले भी बताया गया है कि जो किसान अपनी उपज को इस पोर्टल पर पंजीकरण करवाकर बेचता है, उसकी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिकेगी। इसके अलावा धान के स्थान पर अन्य फसल लगाने के नाम पर भी करीब 9000 की राशि दी जाएगी। इसके अलावा (Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana) राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के तहत भी करीब 10 हज़ार रुपये की राशि का प्रावधान है।
जिसका लाभ किसान इस पोर्टल पर पंजीकरण करवाने के उपरांत ही ले सकते है। बता दें कि जो किसान इस योजना का लाभ लेना चाहते है, उन्हें पहले राजीव गांधी किसान न्याय योजना के पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा। ताकि इस योजना का लाभ मिल सकें। इस पोर्टल का लिंक इस प्रकार है – www.rgkny.cg.nic.in ।
बता दें कि धान और मक्का बेचने के लिए पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। इसके लिए भी किसान 31 अक्टूबर तक पंजीकरण करवा सकते है। ताकि धान एवं मक्का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचा जा सकें। बता दें कि इस बार सरकार की और से 1 नवंबर से ही धान की खरीद शुरू की जा रही है। जो पिछले कई सालों में ऐसा पहली बार हो रहा है।
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