इंडिया न्यूज़, Chhattisgarh News: जो किसान धान की खेती करते है, उनके अकउंट में अब धान की कीमत की अंतर राशि जमा होनी थी। (farmers did not get the amount of paddy) लेकिन अभी तक जो 2 किश्ते जारी हुई है वह भी कई किसानों के अकउंट में अभी तक नहीं आई है। जो किसानों के साथ ठीक नहीं हो रहा।
(farmers did not get the amount of paddy) संदीप शर्मा भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी ने कहा कि जो किसान धान बोता है, वह उस फसल का पंजीकरण अपने नाम या फिर जिसकी जमीन पर फसल बोई गई है, उसकी अनुमति से आधार पर रेगहा बोने वाला किसान अपने नाम पर जमीन का पंजीकरण करवा सकते है। यह नीति केंद्र में BJP सरकार ने बनाई थी। जिसके चलते धान का कोई भी बोनस या फिर धान की कीमत सीधा किसान के खाते में डाली जाती है। लेकिन पिछले पंजीकरण सत्र की बात करें तो कई रेहता किसानों के खाते में यह राशि नहीं आई है।
जैसे की पहले भी बताया गया है कि कई रेगहादार किसानों ने पंजीकरण तो करवा लिया था, लेकिन उनको धान की बकाया राशि नहीं मिली। बता दें कि इस प्रकार राशि सीधा खाते में ट्रांसफर होने को न्याय योजना के नाम से जाना जाता है। जिसके चलते इस बारे में संबंधित अधिकारी से भी बात की लेकिन कोई भी जवाब नहीं आ रहा बात को घुमा- फिर दिया जाता है।
(Compulsory purchase of compost manure) किसान नेता संदीप शर्मा ने कहा कि यह राशि क्यों नहीं दी जा रही अब से पहले तो राशि दें दी जती थी। उन्होंने कहा कि सरकार अब धान खरीदने पर भी आनाकानी कर रही है। उन्होनें प्रदेश सरकार पर भी इस बारे में तंज कसे, उन्होनें कहा कि अब खाद की कालाबाज़ारी (manure black marketing) भी खुलेआम हो रही है। जिससे किसानों को लुटा जा रहा है। इसमें खाद के साथ कम्पोस्ट खरीदना जरूरी किया है। (Compulsory purchase of compost manure) इसमें जो खर्च किसान नहीं करना चाहते वह भी कम्पोस्ट लेकर किसानों को करना पड़ रहा है।
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