India News (इंडिया न्यूज़),Raipur news, रायपुर: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (SLSA) के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी (Justice Goutam Bhaduri) ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने के लिए सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।
एसएलएसए के सदस्य सचिव आनंद प्रकाश वारियाल (Anand Prakash Wariyal) ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से निपटने के लिए एक नई प्रशिक्षण पहल के कार्यान्वयन की घोषणा की।
कार्यकारी अध्यक्ष के निर्देशों के बाद, एसएलएसए ने एक व्यापक प्रशिक्षण मॉड्यूल और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) विकसित की है।
इन सामग्रियों को सभी जिला न्यायाधीशों या डीएलएसए के अध्यक्षों को प्रसारित कर दिया गया है, साथ ही जिला मुख्यालय और तहसील स्तर पर वर्कशॉप और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
कार्यक्रम का उद्देश्य सुरक्षित वातावरण बनाने, महिला कर्मचारियों को निडर और सम्मान के साथ काम करने के लिए सशक्त बनाने के लिए प्रासंगिक नियमों पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करना है।
इन वर्कशॉप और जागरूकता कार्यक्रमों में सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी और गैर-सरकारी कार्यालयों और अन्य हितधारकों से भागीदारी अपेक्षित है।
एसएलएसए के सदस्य सचिव वारियाल ने बताया कि कार्यकारी अध्यक्ष ने सरकारी, अर्ध-सरकारी और गैर-सरकारी प्रतिष्ठानों सहित सभी कार्यालयों में समितियों के रूप में आंतरिक शिकायत तंत्र स्थापित करने का निर्देश दिया है। ये समितियां नियोक्ताओं, कर्मचारियों और अधिकारियों से यौन उत्पीड़न की घटनाओं के बारे में किसी भी शिकायत का तुरंत समाधान करेंगी।
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