इंडिया न्यूज़, Raipur : ( In The Prime Minister’s Kisan Samman Nidhi Yojana, Leaving the Poor Farmers) रायपुर केंद्र सरकार द्वारा चली गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (Prime Minister’s Kisan Samman Nidhi Yojana) में बड़ा खुलासा हुआ है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रदेश के कुछ ऐसे किसान भी अपने आप को गरीब बता रहे है, जो सलारा सरकार को किसानी न किसी तरह टेक्स दे रहे है। इस योजना में उन किसानो ने भी पंजीकरण करवाया है,जो किसी विभागों में अधिकारी हैं या बड़े किसान हैं। बता दे की इस योजना के तहत ऐसे किसानों की संख्या 8 लाख 83 हजार है। प्रशासन को इसकी जानकारी होते ही ऐसे किसानों के ऊपर कार्यवाही की जाएगी।
जानकारी के अनुसार,केंद्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत 2018 में की थी। जिसको देश के प्रधानमंत्री द्वारा घोषित किया गया था। इस योजना के अंतर्गत गरीब किसानों को हर साल तीन किस्तों में दो-दो हजार रुपए दिए जाने का वायदा की है । इस योजना की शुरुआत होने के बाद प्रदेश में गरीब किसानों के नाम आना शुरू हो गए। किसानों ने इस योजना का लाभ उठाने के लिए पंजीकरण करवाना शुरू कर दिया। इसके बाद इस योजना में 40 लाख 65 हजार से ज्यादा किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया और योजना का लाभ उठाना शुरू कर दिया। सरकार ने इन पंजीकरण की जाँच शुरू की तो इसमें बड़े खुलासे हुए है।
इस योजना से जुड़े लोगो के जांच शुरू की गई जिसमे अब तक 8,83,506 लोग ऐसे पाए गए तो बिलकुल भी गरीब किसान नहीं हैं।इसके अंदर बहुत से लोग ऐसे भी है जो विभिन्न विभागों में कार्य करते है या बड़े किसान है। सुचना मिली है की इन्हीं लोगों के खाते में योजना के 637 करोड़ रुपए चले गए हैं। जिसके चलते केंद्र सरकार ने सभी बड़े किसानो और इस योजन का लाभ लेने वाले लोगो से इस रकम की वापसी शुरू की है। हालांकि राज्य के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने केंद्र से आग्रह करते हुए कहा कि कई कारणों से वसूली मुश्किल है, इसलिए इसे माफ किया जाना चाहिए।
इस मामले की कुछ चौकाने वाली बातें सामने आई है, इस योजना में 32 हजार 645 किसान आयकर देते हैं। और इस योजना का लाभ उठा रहे है। प्रदेश में केंद्र के निर्देश पर प्रदेश में किसानों से ई-केवाईसी करवाई गई। जिसके बाद किसानों के आधार कार्ड लिंक होना शुरू होये तो मामला सामने आया।
बता दे की इस योजन का लाभ लेने वाले सरकारी नौकरी से लेकर बड़े जमींदार शामिल है। जो की अभी तक सरकार से 637 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। मामले का खुलासा होने के बाद कार्यवाही की मांग की जा रही है। कृषि विभाग ने अपात्र लोगों को दी गई किश्तें वसूल करने के लिए कलेक्टरों को चिट्ठी लिखी है। अब तक 2 करोड़ 65 लाख रुपए की वसूली हो भी चुकी है।
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