India News (इंडिया न्यूज़), Anant Sharma/ Parivartan yatra: छत्तीसगढ़ में साल 2013 में कांग्रेस ने परिवर्तन यात्रा निकाली थी। इस परिवर्तन यात्रा की शुरुआत 12 अप्रैल 2013 को अंबिकापुर से हुई थी। इस परिवर्तन यात्रा ने 70 विधानसभा को कवर कर लिया था। इसी बीच नक्सलियों की बड़ी घटना हुई और कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इसमें शहीद हो गया। अब बीजेपी प्रदेश के दोनों छोर से परिवर्तन यात्रा का आगाज करने जा रही है। इस परिवर्तन यात्रा के माध्यम से बीजेपी जनता के बीच जाने वाली है।
प्रदेश के 87 विधानसभा को कव्हर करते हुए बीजेपी ने परिवर्तन यात्रा का रोडमैप तैयार किया है। यह परिवर्तन यात्रा जशपुर और दंतेवाड़ा से शुरु होने जा रही है। कल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह परिवर्तन यात्रा को दंतेवाड़ा में हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। वहीं 15 सितंबर को बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जशपुर से परिवर्तन यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे।
बीजेपी की यह परिवर्तन यात्रा लगभग 2 हजार 989 किलोमीटर का सफर तय करेगी। इस बीच बीजेपी केंद्र सरकार की योजनाओं और राज्य सरकार की विफलताओं को जनता के बीच पहुंचाने की कोशिश करेगी। लेकिन परिवर्तन यात्रा शुरु होने से पहली परिवर्तन यात्रा की रथ में बने छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर पर सियासत तेज हो गई है।
बीजेपी जहां प्रदेश के दोनों छोर से परिवर्तन यात्रा का आगाज करने जा रही है, तो वहीं कांग्रेस परिवर्तन यात्रा पर निशाना साध रही है। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि बीजेपी अगर बस्तर से परिवर्तन यात्रा निकाल रही तो सबसे पहले उन्हें झीरम घाटी जाना चाहिए। वहां की भूमि को नमन कर बीजेपी परिवर्तन यात्रा निकाले। 15 साल में उन्हे छत्तीसगढ़ महतारी की याद नहीं आई। बीजेपी के नेता आज छत्तीसगढ़ महतारी को याद कर रहे। पीएम मोदी से भी छत्तीसगढी में बुलवा रहे हैं। इसी बहाने कम से कम उन्हे छत्तीसगढ की याद तो आई।
वहीं परिवर्तन यात्रा के रथ में लगे छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर पर भी कांग्रेस हमलावर है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी हमारी नकल कर रही है। 15 साल की सरकार में कभी छत्तीसगढ़ महतारी की याद नहीं आई। कभी तीज त्यौहार में अवकाश घोषित नहीं किया। लोगों ने मांग की लेकिन रमन सिंह के कान में जूं तक नहीं रेंगी। अभी उन्हें सद्बुद्धि आई है, पीछे-पीछे चले, पीछे ही रहेंगे।
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