इंडिया न्यूज़, Bilaspur News: प्रदेश में अब एक बार फिर से बिजली महंगी होने जा रही है। विद्युत शुल्क-संशोधन अधिनियम के कारण बिजली की दरों पर असर पड़ रहा है। (Now electricity bill will increase again) जिसके चलते सरकार की और से ऊर्जा शुल्क में बढ़ोतरी की गई है। अब जैसे ही यह प्रदेश के राजपत्र में प्रकाशित होगा तो इसे घरेलू उपभोक्ताओं के लिए लागू कर दिया जाएगा, जिसके चलते करीब 12.36 रुपये की वृद्धि होगी।
राज्यपाल ने इस विधेयक पर कल हस्ताक्षर करके मानसून सत्र के चलते पारित कर दिया गया। जिसके चलते ऊर्जा शुल्क में करीब 3 फीसदी से 7 फीसदी तक बढ़ोतरी की गई। घरेलू कनेक्शन के प्रति यूनिट चार्ज की बात करें तो यह 8 फीसदी से 11 फीसदी कर दिया गया है। जबकि अन्य के लिए यह चार्ज 12 फीसदी से 17 फीसदी कर दिया गया है। अगर सीमेंट उद्योग की बात करें तो यह चार्ज 15 फीसदी से 21 फीसदी कर दिया गया है। जबकि सीमेंट के अलावा खदानों के लिए यह 56 प्रतिशत किया गया है। निजी एवं सर्वजनिक इकाइयों के लिए भी बिजली शुल्क बढ़या गया है।
ऊर्जा चार्ज बढ़ने से जनता की जेब पर असर पड़ने वाला है बता दें कि 1000 रुपये के पीछे करीब 123 रुपये का फर्क पड़ेगा। हालांकि सरकार का कहना है कि हर 10 वर्ष बाद इस बिल में बढ़ोतरी की जाएगी। जिससे उपभोगता बिल में थोड़ी सी वृद्धि होगी।
बिजली की कीमत में 30 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बढ़ोतरी पहले भी गई गई है। यह बढ़ोतरी VCA चार्ज बढ़ने से इस कीमत को बढ़ाया गया है। बिजली कंपनिया कोयले की कीमत बढ़ने पर बिजली की कीमत बढ़ा देती है और कोयले की कीमत घटने पर बिजली की कीमत घटा देती है।
जानकारी के मुताबिक विदेशों से कोयला खरीदकर बिजली बनाई जा रही है जिसक चलते बिजली बनाना महंगा पड़ रहा है। राज्य सरकार की कंपनी NTPC जो बिजली बनती है वह कोयला भी बाहर से मंगवाया जाता है। जिसके चलते हर माह करीब 120 करोड़ रुपये ज्यादा देने पड़ते है। बता दें कि उस समय बिजली की इस प्रकार से VCA चार्ज बढ़ने से 1000 रुपये पीछे करीब 100 रूपये का फर्क पड़ा था। लेकिन अब 1000 रूपये के पीछे करीब 123 रूपये का अंतर है।
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