इंडिया न्यूज़, ग्वालियर:
Negligence in Gwalior’s Jairogya Hospital Again मध्य प्रदेश(madhya pardeh) का जयारोग्य अस्पताल पांच दिनों में एक बार फिर चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां एक बार फिर से जिंदा मरीज को मृत घोषित करने के पीछे डॉक्टरों और यहां काम करने वाले स्टाफ की लापरवाही जगजाहिर हो गई है। इस तरह की घटना पहले भी इसी अस्पताल में हो चुकी है जब डॉक्टरों ने एक (up) महिला को मरा हुआ समझ कर पोस्टमार्टम(post mortem) के लिए भिजवा दिया था। लेकिन पति ने जब महिला के सीने पर हाथ रखा तो दिल धड़क रहा था। इसके बाद महिला का ट्रामा सेंटर में इलाज शुरू कर दिया गया था।
बता दें कि ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में शिव कुमार(shiv kumar) नामक मरीज दाखिल था, जिसे ब्रेन हेमरेज(brain hemorrhage) के चलते चिकित्सकों ने वेंटिलेटर पर रखा हुआ था। लेकिन न्यूरो सर्जरी के आईसीयू वार्ड (ICU Ward of Neuro Surgery Jayarogya Hospital)में तैनात वार्ड ब्वॉय ने शिव कुमार को मृत घोषित कर वेंटिलेटर से हटा दिया। जब परिजनों को बात का पता लगा तो वह अस्पताल में पहुंचे और पाया कि शिव की सांसे चल रही हैं। इसके बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद फिर से मरीज को मेडिकल उपकरण पर रखते हुए इलाज शुरू कर दिया गया।
पहले की घटना में भी अस्पताल प्रशासन और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग(Health Minister Vishwas Sarang) ने जांच के आदेश दिए थे। इस बार एक बार फिर जयारोग्य अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़(Dr. RKS Dhakad, Superintendent of Jayarogya Hospital) ने मामले के सामने आते ही जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं परिजनों का आरोप है कि वार्ड ब्वॉय ने मरीज शिव कुमार को करीब 15 मिनट तक बिना ऑक्सीजन के रखते हुए मरीज की जान के साथ खिलवाड़ किया है।
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