India News (इंडिया न्यूज)/ Anant Sharma, Narayan Chandel: विधानसभा चुनाव को कुछ ही महीने बाकी रह गए हैं लेकिन सियासत प्रदेश में अभी से शुरू हो गई है। 2018 में कांग्रेस पार्टी को जिस घोषणा पत्र के बदौलत बंपर जीत मिली थी। उसी घोषणा पत्र को लेकर अब विपक्ष सरकार पर सवाल उठा रहा है। 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के जीत के पीछे कांग्रेस के वचन-पत्र यानी घोषणा-पत्र की अहम भूमिका रही है, क्योंकि तत्कालीन पीसीसी चीफ भूपेश बघेल और टी एस सिंहदेव ने घोषणा पत्र में उन सभी समस्याओं को ग्राउंड में जाकर समझा था। इसके बाद अपने घोषणा पत्र में इन सभी मुद्दों को कांग्रेस ने रखा।
अब 2023 के विधानसभा चुनाव को कुछ ही महीने बाकी है ऐसे में विपक्ष 2018 में कांग्रेस के द्वारा किए गए वादों को लेकर सरकार को घेर रही है। संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 36 वादों में 35 वा बाधा शराबबंदी की दिशा में काम किया है। इस बारे में PESA कानून बनाकर पांचवी अनुसूची की पंचायतों को शराबबंदी का अधिकार भी दिया है। बीजेपी के जिन नेताओं को हम पूरे किए गए वादों की फेहरिस्त भेज देंगे। वादाखिलाफी बीजेपी की फितरत थी।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल (Narayan Chandel) ने सरकार की घोषणा पत्र पर सवाल उठाते हुए कहा कांग्रेस बताए कि जनघोषना पत्र की वास्तविक स्थिति क्या है? कांग्रेस के प्रवक्ता कहते है कि 34 वादे पूरे हुए हैं टीएस सिंहदेव कहते हैं हमने 12 पूरे किए है, 12 में आंशिक रूप से काम चल रहा है।
उन्होंने (Narayan Chandel) कहा कि असत्य बोलने से पहले झूठ में भी सामंजस्य होना चाहिए कांग्रेस में अंतर्द्वंद चल रहा है। कांग्रेस की कथनी और करनी में काफी अंतर है। आपने अगर वादे किए हैं तो उसको बताना पड़ेगा और उसे पूरा करना पड़ेगा। चुनाव नजदीक है ऐसे में बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों ही जनता के दरबार में जाने वाले हैं ऐसे में पूर्व में किए गए वादों को विपक्ष सत्ता पक्ष को याद दिला रहा है। लेकिन अब देखने वाली बात होगी 2023 में जब कांग्रेस और बीजेपी जनता के बीच अपने वादों की पिटारे को लेकर जाती है तो जनता आखिर किसपर भरोसा करती है।
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