इंडिया न्यूज़, Chhattisgarh News: (Dearness Aallowance) महंगाई भत्ता की मांग को लेकर प्रदेश में लगातार आंदोलन किए जा रहे है। इसके चलते अब इस गृह भाड़ा आंदोलन में मेडिकल कॉलेज अस्पताल की नर्से भी शामिल हो गई है। अस्पताल में मरीजों की देख-रेख कोई नहीं कर रहा। न ही स्वास्थय व्यवस्था पर कोई ध्यान दें रहा है। जिससे मरीजों की मुस्किले बढ़ गई है।
(Medical College Hospital) नर्सो के हड़ताल पर होने के कारण मरीज समय पर दवाईया नहीं ले पा रहे है। न ही किसी मरीज को समय पर जरुरी टिका लगा पा रहा है। जिसके चलते अस्पताल में आपातकाल जैसी स्थिति है। इसी के चलते डॉ प्रदीप बेक ने सिविल सर्जन एवं CMHO को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं को इस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में न लाया जाए।
इसके बावजूद जिला अस्पताल या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में रेफेर कर सकते है। हालांकि HCH प्रबंधन ने इमरजेंसी केस लेने से साफ इंकार कर दिया है। नर्सो ने छुट्टी के लिए आवेदन दिया है जिसके चलते हड़ताल कर दी है। कल से ही नर्सो ने सारा कार्य करना बंद कर दिया था। जिसके चलते मरीजों के परिजन भी भड़क उठे थे।
(Medical College Hospital) जानकारी के मुताबिक ICU और NICU में मरीजों की देखरेख नहीं की जा रही थी, जिसके चलते मरीजों के परिजनों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। परिजनों ने बार-बार जाकर प्रबधन में शिकायत भी की, लेकिन प्रबंध भी कुछ नहीं कर पाया। बता दें कि नर्स स्टाफ की देख रेख में ही अस्पताल के सभी मरीज रहते है लेकिन नर्स हड़ताल पर होने से मरीजों को न तो समय से दवाई मिली ओर न ही टिका लग पाया।
(Medical College Hospital) डॉ प्रदीप बेक ने कहा कि इस हंगामे के चलते ओप्रशन भी रोकन पड़ रहे है। साडी स्वास्थ्य व्यवस्था डगमगा गई है। उन्होंने बताया कि नार्मल डिलवेरी के लिए भी यहाँ कोई कर्मचारी नहीं है। सिविल सर्जन डॉ केके जैन ने कहा कि जो केस ज्यादा गंभीर है उन्हें रेफेर किया जा रहा है। बता दें कि मेडिकल अस्पताल में नर्सो के पद खाली पड़े है। जिसके चलते कार्यरत नर्सो को ज्यादा कार्य करना पड़ता है। अभी करीब 60 नर्से कार्य कर रही है।