इंडिया न्यूज़, Maharashtra politics News: महाराष्ट्र की राजनीति के लिए आज का दिन है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में इस बात पर फैसला हो सकता है कि असली शिवसेना कौन है, उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे कैंम्प। सर्वोच्च अदालत में एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों की अयोग्यता पर सुनवाई जारी है। उद्धव ठाकरे की ओर से कपिल सिब्बल और तत्कालीन डिप्टी स्पीकर की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए हैं। सिब्बल और सिंघवी की दलील यही है कि 16 विधायकों को अयोग्य करा दिया जाना चाहिए और ये विधायक अपने पद पर रहने के योग्य नहीं हैं। सुनवाई जारी है। विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान इन विधायकों का मतदान करना भी गलत है। यह कानून ही नहीं, नैतिकता का भी सवाल है। शिंदे गुट की ओर से वरिष्ठ वकील हरिश साल्वे पेश हुए हैं।
इसका अलावा दोनों पक्षों की विभिन्न याचिकाओं पर भी अहम सुनवाई होगी। विधायकों के बाद शिवसेना के सांसदों में भी बगावत हो चुकी है। कल ही लोकसभा स्पीकर ने शिंदे गुट के सांसदों को मान्यता दी है। बता दें, बागी विधायकों के दम पर ही एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ हाथ मिलाकर सरकार बना ली है।
‘शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी से नाता तोड़कर भाजपा के साथ गठबंधन करना चाहते थे। इस बारे में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी एक घंटे तक चर्चा की। इसके बाद बीजेपी के 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर गलत संदेश दिया गया और बात बिगड़ गई।’ इस बात का खुलासा मंगलवार को दिल्ली में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में लोकसभा में शिवसेना के नेता बनाए गए राहुल शेवाले ने किया।
शेवाले ने कहा, शिवसेना के सांसदों ने उद्धव ठाकरे से बार-बार कहा कि वह भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़कर जीते हैं। महाविकास अघाड़ी में रहते हुए उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। शिवसेना को फिर से बीजेपी के साथ गठबंधन पर विचार करना चाहिए।
राहुल के मुताबिक, सांसदों ने इस बारे में उद्धव से चार-पांच बार चर्चा की। उद्धव ने भाजपा के साथ गठबंधन करने पर भी सहमति जताई। 21 जून 2021 को अपने दिल्ली दौरे के दौरान उन्होंने इस बारे में प्रधानमंत्री से एक घंटे तक चर्चा की थी। इसके बाद जुलाई में मानसून सत्र के पहले ही दिन बीजेपी के 12 विधायकों को एक साल के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। यह भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के लिए एक गलत संदेश था। जब भी ऐसा प्रयास किया गया तो शिवसेना की ओर से गलत संदेश जाता रहा।
राहुल ने मामले को बिगाड़ने के लिए शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि वे चीजों के गलत होने का एक बड़ा कारण हैं। शेवाले के मुताबिक एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद मातोश्री पर सांसदों से चर्चा के दौरान उद्धव ने कहा कि मुझे भी बीजेपी से गठबंधन करना है। मैंने अपने स्तर पर पूरी कोशिश की। अब आप लोग अपने स्तर पर फैसला करें।
ये भी पढ़े: MP Municipal Election Phase 2 Results : पहले रुझानों में नागौद में कांग्रेस की जीत