इंडिया न्यूज़, Madhya Pradesh Rain Alert : मध्यप्रदेश में भारी बारिश ने कहर बरसा रखा है। यहां कई शहरों पानी ही पानी है, सड़कें पानी से लबा लब हैं, यातायात बंद है, भारी बारिश ने जीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है। पुरे मध्यप्रदेश में आज भी गरज-चमक के साथ भारी बारिश का अलर्ट है। प्रदेशभर में रविवार रात तक 8.5 इंच पानी गिर चुका है। भोपाल में रात तक 6 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। आज भी बारिश जारी है। जगह-जगह राजधानी की सड़कों और निचली बस्तियों में पानी भर गया है।
नर्मदापुरम में तवा डैम का जलस्तर 3 फीट तक बढ़ गया। नर्मदा के जलस्तर में भी दो से ढाई फीट की बढ़त हुई है। विदिशा प्रशासन ने स्कूलों की छुट्टी कर दी। बेतवा उफान पर है। रायसेन में भी जगह-जगह जलजमाव है। छोटी नदियां और नाले उफना गए।
मौसम विभाग ने अगले 4 से 5 घंटे के दौरान भोपाल, खंडवा, बैतूल, बुरहानपुर, धार, देवास, शाजापुर और नर्मदापुरम में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। हरदा, रायसेन और सीहोर में अति भारी बारिश का अलर्ट है। रविवार तक मध्यप्रदेश में 8.5 इंच बारिश हो चुकी है।
प्रदेश में 7 दिन में बिजली गिरने से 47 लोगों की मौत हो चुकी है। 70 घायल हुए है। भोपाल और उसके आसपास के इलाके में हर 15 मिनट में 3500 बार बिजली गिरी। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश ने बताया कि सोमवार को नमी अधिक होने के कारण प्रदेशभर में बारिश हो रही है। भोपाल, जबलपुर, रीवा और सागर में भारी से अति भारी बारिश हो सकती है। इंदौर-उज्जैन भी भीगेंगे।
भोपाल में शनिवार आधी रात के बाद से 6 घंटे में 5 इंच से ज्यादा बारिश हुई। रविवार को दिन भर धूप रही, लेकिन शाम 7 बजे के बाद फिर बारिश शुरू हो गई। रात 8.30 तक 1 इंच पानी और बरस चुका था। यानी 20 घंटे में 6 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी थी। यह इस सीजन की सबसे तेज बारिश है। पिछले 17 साल में ऐसा पहली बार हुआ, जब जुलाई में दो बार यानी दो दिन 4.5 इंच से ज्यादा बारिश हुई।
जुलाई में 17 साल में तीसरी बार यह 1 दिन की सबसे ज्यादा बारिश भी है। इस जुलाई में अब तक 13.78 इंच बारिश हो चुकी है। अब जुलाई का कोटा 14.89 इंच पूरा होने के लिए सिर्फ 1.11 इंच बारिश की जरूरत है, जबकि महीना खत्म होने में अभी 21 दिन बाकी हैं। शहर में अब तक 16.57 इंच बारिश हो चुकी है। इस बारिश का असर बड़े तालाब के लेवल पर भी पड़ा। अब तालाब का जलस्तर सीजन में सबसे ज्यादा 0.70 फीट बढ़कर 1660.50 फीट पर पहुंच गया।
भोपाल में शाम 6.30 से रात 8.30 तक लाइटनिंग हाई अलर्ट था। 7 बजे से 8.30 के बीच हर 15 मिनट में औसतन 3500 बार धरती पर आकाशीय बिजली से करंट डिस्चार्ज हुआ। शनिवार को भोपाल के 40 किमी दायरे में 6926 स्थानों पर बिजली गिरी थी।
मध्यप्रदेश में मंगलवार को बारिश से कुछ राहत रह सकती है, लेकिन 13 से नया सिस्टम बन रहा है। बंगाल की खाड़ी में 13 जुलाई से लो प्रेशर एरिया बन जाएगा। इससे फिर 13 से 17 तक जमकर बारिश होगी।
छिंदवाड़ा के सौसर शहर के बीच से गुजरने वाले नाले में उफान आ गया। इससे निचले क्षेत्र में जलभराव हो गया। कई घरों में 3 फीट तक पानी भर गया। कुछ स्थानों पर तो आधे मकान पानी में डूब गए हैं। लोगों को परिवार सहित छत पर रहना पड़ रहा है। रहवासियों का कहना है कि नाले पर लोगों ने अतिक्रमण कर उसका रास्ता सकरा कर दिया है, जिस वजह से बहाव पूरा नहीं होने के कारण यह स्थिति बनी है। कई मंदिर भी पानी में डूब गए हैं। दुकानों में पानी में भर जाने के कारण काफी नुकसान की आशंका जताई जा रही है।
मध्यप्रदेश में बीते 24 घंटों के दौरान सबसे ज्यादा छिंदवाड़ा के सौंसर में 8 इंच बारिश हुई। इस सीजन में यह प्रदेश के किसी इलाके में सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा विदिशा, सीहोर, भोपाल और गुना में 5-5 इंच तक पानी गिरा।
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