इंडिया न्यूज़, Raipur News: प्रदेश में अब जमीनों के विवाद को निपटने के लिए एक नई पहल की जा रही है। अब प्रदेश के हर गांव के नक्शों की जियोरिफ्रेसिंग तैयार की जाएगी। इससे प्रदेश के हर जिले और तहसीलों की सीमाओं का पता, सिर्फ कुछ ही पलों में लगाया जा सकता है। राजस्व विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब प्रदेश के किसी भी स्थान की जमीन के बारे में पता लगाने के लिए पटवारियों को बुलाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
जानकारी के मुताबिक राज्य सरकारों से केंद्र सरकार ने सभी शहरों का मास्टर प्लान तैयार करके देने को कहा है। इसी के चलते अब कार्य किया जा रहा है। लगभग 60 निकायों का मास्टर प्लान बन चुका है। कहा जा रहा है कि मास्टर प्लान की सभी भागों को इसमें जोड़ा जाएगा, ताकि इसको चलने में कोई भी समस्या का सामना न करना पड़े। अब प्रदेश के गावों के नक्शों की भी जियोरिफ्रेसिंग करवाई जाएगी। जानकारी के अनुसार इसकी जिम्मेवारी चिप्स को दी गई है। सरकार ने इसके लिए करीब 45 करोड़ की राशि का प्रावधान किया है।
जैसे की पहले भी बताया गया है कि राज्य सरकारों से सिर्फ शहरों का ही मास्टर प्लान मंगवाया गया है। इसकी जियोरिफ्रेसिंग करावी जाएगी। इसके उपरांत त्रुटियों को ठीक किया जाएगा। जिसके बाद अपलोड किया जाएगा। इस रिकॉर्ड को सभी सरकारी ऑफिस में राजस्व विभाग और पटवारियों को उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके लिए अलग से भी नक़्शे तैयार किये जाएगें।
कहा जा रहा है कि अगर किसी भी ब्लॉक या तासिलों कि सीमाएं बदलती है तो उसके लिए नक़्शे तैयार किये जाएगें। जिन्हें ऑनलाइन उपलोड कर दिया जाएगा। जिसके चलते राजस्व विभाग को कुछ ही पलों में कही की भी सीमाओं के बारे में जानकारी मिल जाएगी। इसके अलावा गांव में जमीनी विवाद को भी कम समय और कम खर्च में खत्म किया जा सकेगा। सीएस अमिताभ जैन ने इसके लिए बैठक भी ली, जिसमें इस कार्य को पूरा करने के लिए बातचीत की गई। अथवा इस कार्य के लिए एजेंसी की भी नियुक्ति की गई।
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