इंडिया न्यूज़, Raipur News: प्रदेश की राजधानी के कई गावों में पानी की निकासी न होने के कारण इसके लिए इंजेक्शन वेल लागे जा रहे है। जानकारी के अनुसार बारिश के पानी को भू-जल में मिलाने के लिए ही गांव में करीब 15 से 18 फिट के गड्ढे खोदे जा रहे है। इसकी शुरुआत राजधानी के लखौली इलाके में करीब 100 गड्ढे खोदकर की गई है। यह गड्डो से ही पानी सोखकर जमीन में पहुंचाया जाएगा। इसके लिए अभी मॉनिटरिंग की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक अगर लखौली के रींवा गांव में यह प्रयास सफल होता है। तो अगले साल तक यह प्रदेश के कई गावों में लगाया जाएगा। यह कार्य गावों में भूमि के जल स्तर को बढ़ने के लिए किया जा रहा है। केंद्रीय भूजल बोर्ड के पूर्व रीजनल डायरेक्टर ओएन तिवारी के करीब 35 वर्ष के अनुभव के बाद ही यह कार्य किया जा रहा है। बता दें कि इसके लिए किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा।
जानकारी के मुताबिक रीवा गांव में यह प्लांट लगाने के लिए करीब 100 जगह चुनी गई है। बता दें कि रीवा गांव में लगभग 5000 आबादी है। जल के संकट से ग्रस्त होने के कारण इस गांव में ही सबसे पहले यह योजना लगाने का कार्य किया जा रहा है। इसके निर्माण कार्य के लिए बोरवेल कि तरह ही करीब 100 गड्ढे खोदे गए है। कहा जा रहा है कि इन गड्ढों के मध्य से ही बारिश का पानी भूजल में चला जाएगा ऐसे ही फिजूल नहीं बहेगा।
जानकारी एक अनुसार मशीन कि सहयता से गांव में करीब 18 फिट तक गहरे गद्दे बनाए गए है। इन्हें बजरी और रेत से भरा जाएगा ताकि पानी फ़िल्टर होकर भूमि में जाए। अधिकतर यह गद्दे ढलान वाली जगहों पर बनाए गए है, ताकि वर्षा के समय ज्यादा पानी इन गड्डो में जाए। जिससे भूमि का जल स्तर बढ़ाया जा सकें।
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