इंडिया न्यूज़ Indore Startups Policy : इंदौर में स्टार्टअप नीति के अंतर्गत इकोसिस्टम को बेहतर किया जा रहा है। और इसके साथ ही शहर में आने के लिए बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और अन्य शहरों को टारगेट किया जा रहा है। अगर इन शहरों में से स्टार्टअप यहां शुरू किया जाता है तो ऐसा करने पर इन्हें बहुत सी सुविधाएं दी जाएंगी।
जल्द ही शहर के स्टार्टअप संचालकों का प्रतिनिधि मंडल बाहर जाएगा और वहां स्टार्टअप से व्यक्तिगत तौर पर मिलकर उन्हें शहर में अपना स्टार्टअप स्थापित करने के लिए आमंत्रित करेगा। शहर के स्टार्टअप संचालक प्रदेश की स्टार्टअप नीति का भी प्रचार-प्रसार करेंगे। इसमें दिए गए सभी फायदों की जानकारी प्रजेंटेशन के माध्यम से समझाई जाएगी। इन्वेस्ट इंदौर के सचिव सावन लड्ढा का कहना है कि इस संबंध में सांसद शंकर लालवानी से बात हो चुकी है और उन्होंने भी बाहर के शहरों में प्रतिनिधि मंडल भेजने पर सहमित दे दी है।
14 मई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह विदेश यात्रा पर जाने वाले थे।उनके साथ इंदौर के स्टार्टअप कमेटी के भी कुछ सदस्य जाने वाले थे। विदेश यात्रा कार्यक्रम निरस्त होने के बाद अब स्टार्टअप कमेटी के सदस्य जून में जाने की योजना बना रहे हैं। इस यात्रा के पीछे स्टार्टअप संचालकों का मकसद है कि अमेरिका में जाकर वहां के बाजारों में इंदौर के स्टार्टअप के उत्पादों को बेचने के लिए नेटवर्क तैयार हो सके। साथ ही अमेरिका में रह रहे इंदौर के उन व्यवसाय करने वालों से मिलना है जो अपने व्यवसाय की शुरुआत इंदौर में कर सके।
कई बड़े शहरों के स्टार्टअप अब इंदौर जैसे शहरों में काम करना चाहते हैं। इसके पीछे कारण है कि वहां बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों में जमीन की कमी है।दफ्तर, उद्योग और फैक्ट्री खोलने में काफी पैसा खर्च हो रहा है। परिवहन के साधन, बिजली, टैक्स और कर्मचारियों की भी कमी देखने में मिल रही है। इसके विपरित इंदौर में काफी जमीन है और बहुत कम खर्च में उद्योग स्थापित किया जा सकता है। इंदौर में 100 से ज्यादा स्टार्टअप कोवर्किंग दफ्तरों में चल रहे हैं जहां मात्र पांच हजार रुपये महीने में इंटरनेट, बिजली, एसी और टेबल-कुर्सी के साथ व्यवसाय किया जा सकता है।
कोई भी किसी भी राज्य में स्टार्टअप कर रहे हो, अगर वे प्रदेश में आकर स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं तो उन्हें स्टार्टअप नीति में शामिल सभी लाभ दिए जाएंगे और स्टार्टअप संचालकों को कोई विशेष मांग होगी तो उस पर भी विचार किया जाएगा। हम अब स्टार्टअप की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।
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