इंडिया न्यूज़, Chhattisagrh : In the Special Meeting of the DMF, the Ex-Leader, who was Furious
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में जिला खनिज न्यास संस्थान (DMF) की विशेष बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में पूर्व नेता इस बैठक में नराजगी जताई और भ्रष्टाचार के खिलाफ नारे बाजी करने लगे। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि उपकरणों की खरीदी कि जांच क्यों नहीं कर रही है। पहले पिछले साल के कृषि उपकरणों की जांच की जाये। और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के अफसरों ने DMF को भ्रष्टाचार का केंद्र बना दिया है। इस बैठक में 39 पंचायतों में विकास कार्यों के लिए 86.34 करोड़ रुपए की राशि तय की गई है।
जानकारी के अनुसार इस बैठक को कलेक्टर सौरभ कुमार की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था। इस बैठक में खनन प्रभावित क्षेत्र की लिस्ट जारी की गई। इसमें 139 ग्राम पंचायत आते हैं। इस बैठक के जरिये इन इलाको को राहत देने के लिए योजना बनाई गई है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, कृषि, सड़क निर्माण जैसे मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी।
इस बैठक में प्रदेश के गांव के विकास के लिए 86 करोड़ 34 लाख रुपए के कार्यों के प्रस्ताव की स्वीकृत दी गई है। इसमें 52 करोड़ की राशि उच्च प्राथमिकता के काम जैसे -शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कृषि में खर्च किये जाएंगे। वहीं 34 करोड़ का प्रावधान अन्य प्राथमिकता के कामों के लिए रिजर्व रखा गया है।
बताया जा रहा है कि इस बैठक में DMF की स्थापना में 2 विकास सहायक सहित 6 पदों पर भर्ती की मांग की गई है। इसके लिए मंजूरी दे दी गई है। इस विशेष बैठक में जिला पंचायत की CEO जयश्री जैन एवं डीएमएफ शाखा के प्रभारी नोडल अधिकारी एवं डिप्टी कलेक्टर महेश शर्मा इस बैठक में मौजूद रहे।
इस बैठक में पूर्व नेता ने कृषि यंत्रों के उपकरणों की खरीदी आरोप लगते हुए इस बैठक में सवाल उठाये। इसके लिए सरकार को पिछले साल दिए गए उपकरणों की जांच के लिए बोला है। इस सवाल का जवाब देते हुए कलेक्टर ने कहा कि इस पर बिना जांच के आरोप लगाना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले बाजार और यहाँ के उपकरण के मूल्य को जांच ले फिर सवाल उठाये।
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