इंडिया न्यूज़, छत्तीसगढ़ | Grandfather did the preparation granddaughter did wonders : CBSE ने 12वीं कक्षा के रिजल्ट जारी किये है । रायपुर की शांभवी शर्मा ने संस्कृत में 100 में 100 अंक प्राप्त कर परीक्षा को 98.16% से पास की हैं। शांभवी ने अपनी तैयारी से जुड़े एक्सपीरियंस को शेयर किए है । शांभवी ने कहा कि यूथ संस्कृत जैसे सब्जेक्ट को बोरिंग मानते है, हम इसे पढ़ना नहीं चाहते है जबकि यह सबसे अच्छा और प्राचीन विषय है।
शांभवी संस्कृत विषय को पड़ना पसंद करती है। उसका संस्कृत विषय के साथ एक लगाव है। शांभवी के पिता का नाम अमिताभ शर्मा है जो पेशे से एक एस्ट्रोलॉजर हैं। जो रायपुर मैं रहते है। उन्होंने बताया कि मेरी बेटी शांभवी ङढर स्कूल में पड़ती है। शांभवी के अनुरोध पर स्कूल को संस्कृत का कोर्स शुरू करना पड़ा।
शांभवी का विषय के प्रति लगाव देखकर स्कूल मैनेजमेंट ने भी हौसला बढ़ाया, टीचर्स प्रोवाइड कराए। शुरूआत में शंभावी अकेली ही शांभवी संस्कृत पढ़ती थी। धीरे-धीरे और बच्चों ने संस्कृत पढ़ने लग गए। इससे पहले ङढर स्कूल में संस्कृत का कोर्स नहीं था। शांभवी ने 12वीं में संस्कृत को एडिशनल सब्जेक्ट के रूप में चुना था। अपने मन पंसद के विषय को शांभवी को अच्छा लगता था ।
शांभवी के दादा लक्ष्मीकात शर्मा बताया कि शांभवी को हमेशा से ही संस्कृत विषय काफी ज्यादा पंसद था। शांभवी के दादा लक्ष्मीकांत शर्मा रायपुर के दुर्गा कॉलेज में संस्कृत के प्रोफेसर रहे। जब वह छोटी थी तो वह संस्कृत में श्लोक श्लोक सुना और बोला करती थी। जहा से उसे संस्कृत विषय के प्रति लगाव बढ़ा। शांभवी ने अपनी तैयारी अपने दादा जी की देखरेख में की। इस गाइडेंस का प्रभाव यह रहा शांभवी को संस्कृत विषय में 100 में से 100 नंबर मिले।
शांभवी ने बताया कि स्कूल में संस्कृत की पढ़ाई शुरू हुई तो कलास में कोई बच्चा नही था। लेकिन कुछ समय बाद बच्चे आना शुरू हो गए थे। स्कूल खत्म होने के बाद दादा ने उन्हें गाइडेंस दिया करते थे। एग्जाम की तैयारी भी इन्हें दादा ने करवाई। इसका असर रहा कि इस गाइडेंस का प्रभाव यह रहा शांभवी को संस्कृत विषय में 100 में से 100 नंबर मिले।
शांभवी ने बताया कि मेरी एगजाम को लेकर कोई स्ट्रेटजी थी । किसी भी तरह की स्पेशल प्लानिंग नहीं की आम बच्चो की तरह तैयारी की। मैंने कभी भी रिजल्ट की चिंता नहीं इस बात को सोचे बिना तैयारी करती रही।
शांभवी को संस्कृत के साथ-साथ म्यूजिक में भी 100 में से 100 नंबर मिले हैं। शांभवी ने कहा कि वह स्कूल की एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में भी हमेशा एक्टिव रही हैं,और उनमें भाग लेती रही। यह गतिविधियां उन्हें पढ़ाई के लिए मोटिवेट करती थीं। शांभवी ने कहा कि उनके बहुत से दोस्त ऐसा सोचते हैं कि इन गतिविधियों में एक्टिव रहने से उसकी पढ़ाई प्रभावित होगी, लेकिन मुझे यह क्रिएटिव गतिविधियां पढ़ाई में और बेहतर करने के लिए हमेशा ऊर्जा और मोटिवेशन मिलता हैं।
CBSE के रिजल्ट में इस बार छोंरीयों ने बाजी मारी है। छत्तीसगढ़ में भी बेटियों ने कमाल कर दिया है। बिलासपुर की शुभी शर्मा ने 99.4 प्रतिशत, रायपुर की शांभवी शर्मा ने 98 प्रतिशत और पाखी दुबे ने 98.6% अंक हासिल किए हैं। इस बार CBSE 12वीं में कुल 92.71 प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं। छत्तीसगढ़ में भी कई बच्चों ने बहुत अच्चा प्रदर्शन किया है।
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