इंडिया न्यूज़, Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में सभी सरकारी कर्मचारियों ने भत्ते की मांग को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है। कुछ कर्मचारी सगठनों का कहना है कि हड़ताल को अनिश्चित समय तक चलाया जाए। लेकिन अभी हड़ताल को आज से लेकर 29 जुलाई तक चलने की बात सामने आई है । करीब 5 लाख से भी ज्यादा कर्मचारी महंगाई भत्ता एवं भाड़ा भत्ता की मांग को लेकर आंदोलन में उतरे है।
बता दें, आज सावन का दूसरा सोमवार है और कहा जाता है की सावन के दिनों में शिव की कृपा अपने भगतों पर बहुत रहती है। इसलिए इस आंदोलन की शुरुआत शिक्षकों ने शिवलिंग पर जल चढ़ाकर की। जानकारी के अनुसार कुछ शिक्षकों ने जिला अधिकारी को अवकाश लेने के लिए सभी शिक्षकों के लिए आवेदन भी भेजा है। सोमवार के दिन कोई भी शिक्षक स्कूल नहीं गया सभी ने हड़ताल का समर्थन किया है। इसी के चलते संगठनों ने नेताओं और साथियों साथ मिलकल आंदोलन शुरू किया है।
आंदोलन के चलते कर्मचारी संगठनों ने सभी कर्मचारियों से अपील की है की कोई भी कर्मचारी काम न करें। जिसका बात का सभी कर्मचारियों ने समर्थन किया है। कर्मचारियों ने रायपुर मंत्रालय के गेट पर पहुंचकर धरना दिया। हालांकि ऑफिस के अंदर नहीं पहुंचे। धरने के चलते कर्मचारियों ने भत्ता दो जैसे नारे लगाए। कर्मचारियों ने रायपुर में धरना स्थान पर भी प्रदर्शन किया।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने हड़ताल से पहले दो दिन बैठक भी की थी। इस बैठक में तय किया गया था कि 25 जुलाई से 29 जुलाई तक हड़ताल की जाएगी। जबकि कुछ शिक्षक संगठनों इस बात पर जोर दे रहे है कि हड़ताल को अनिश्चित समय के लिए चलाया जाए। ऐसी भी खबरें सामने आ रही है कि कुछ शिक्षक 29 जुलाई के बाद भी काम पर नहीं आएगें।
कर्मचारी संगठनों ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों को न तो भाड़ा भत्ता मिलता है और न ही मेह्गाई भत्ता। जबकि सातवें वेतनमान के तहत इन भत्तों का प्रावधान है। यह भत्ते न मिलने से प्रत्येक सरकारी कर्मचारी को करीब 4 हज़ार से 14000 रुपये तक का नुकसान हो रहा है। इन भत्तों को लागु करने के लिए लम्बे समय से मांग उठ रही है। फिर भी सरकार की तरफ से इसे लागु नहीं किया गया। जिससे तंग आकर कर्मचारियों को हड़ताल करनी पढ़ रही है।
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