इंडिया न्यूज़, Raipur News: पिछले कुछ समय से लगातार छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में वर्षा हो रही है। वर्षा के चलते प्रदेश की महानदी बेसिन में बाढ़ आने जैसे हालत पैदा हो गए है। सभी छोटे-बड़े बांधों में पानी भरा हुआ है। हालांकि प्रदेश में बेसिन नदी अपने ऊफान पर चल रही है। जिसके चलते प्रदेश में बाढ़ का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। लेकिन इसके लिए अब संबलपुर में स्थित हीराकुद में पानी छोड़कर स्थिति से निपटा जा सकता है। प्रदेश सरकार ने ओडिशा की सरकार के सामने यह मांग रखी है कि बांध से पानी छोड़कर दबाव को कम किया जा सकें।
अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक अभी हीराकुद बांध में लगभग 9 लाख क्यूसेक पानी आएगा। फ़िलहाल ओडिशा में भी काफी बारिश हुई है। जिसके चलते दोनों प्रदेशों में बाढ़ जैसे हालत बने हुए है। लेकिन इसके बावजूद भी हीराकुद बांध के अफसरों ने पानी छोड़ने के विषय पर सहमति जताई है। जिसके चलते करीब 4 लाख 50 हजार क्यूसेक हीराकुद बांध में छोड़ा जाएगा। यह पानी इस बांध की क्षमता से करीब आधा है।
अधिक बारिश के चलते प्रदेश के बस्तर, दुर्ग और रायपुर संभाग के सिंचाई बांध भी पानी से भरे पड़े है। जिसके चलते इन बांधों से भी पानी छोड़ा जा रहा है। रविशंकर जलाशय-गंगरेल बांध जो धमतरी जिले में है उनमें भी करीब 46 हजार क्यूसेक पानी जमा है। बांध पूरा भर गया है। जिसके चलते बाकि के पानी को गेट नंबर 14 से छोड़ा जा रहा है। इस गेट से लाख 53 हजार क्यूसेक पानी हर एक सेकिंड में बेसिन नदी में जा रहा है।
बता दें की काफी समय बाद इस बांध के सभी गेट खोले गए है। इसके अलावा सोंढुर और सिकासेर बांध में भी पानी छोड़ दिया गया है। दुधावा 84.23 फीसदी जबकि सोंढुर में 91.60 फीसदी पानी भरा हुआ है। मुरूमसिल्ली बांधमें भी 91.60% भरा है। सूखा नाला बैराज और घूमरिया बैराज से भी करीब 70,000 पानी शिवनाथ नदी में छोड़ा है।
जानकारी के मुताबिक बारिश से पानी ज्यादा आने के कारण सभी नदियां ऊफान पर चल रही है। जिसके चलते कई इलाकों में पानी भी भर गया है। CM ने नदियों से प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बढ़ाने के भी निर्देश दिए है। जिसके चलते अफसरों की टीम लगातार नदी के पानी की निगरानी कर रही है। हालांकि निचले इलाके की बस्तियों के लोगों को शिविर में ले जाने के कार्य चल रहा है।
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