इंडिया न्यूज़, Chhattisgarh News(fishermen protest) : प्रदेश के बालोद जिले में कल 12 सितंबर को मछुआरों ने नई मछुआ नीति के खिलाफ प्रदर्शन किया है। (all fishermen union) यह प्रदर्शन के लिए संघ के नेता समेत कई लोग बस स्टैंड परिसर पर बैठ गए। (Protested Against the New Fishing Policy) मछुआरों का कहना है कि जलाशयों के डुबान का इलाके पर उनका हक़ है। मछुआरों ने कहा कि अगर सरकार उनकी यह मांग नहीं मानती तो वह नेशनल हाईवे भी जाम करेगें।
(New fishermen policy is opposed) मछुआरों ने हेक्टेयर के हिसाब से लीज देने की बात कही। उन्होंने कहा कि गोंदली एवं तांदुला जलाशय में लीज मिलनी चाहिए। मछुआ संघ ने कहा कि गरीबी रेखा के लिए अब नई सर्वे सूची बनानी चाहिए, क्योंकि वह गरीबी रेखा की सूची 2002 वाली है। संघ के मेंबर ने कहा कि बेरोजगारी भत्ते का लाभ नई गरीबी रेखा की सूची के अनुसार मिलना चाहिए।
(fishermen protest) मछुआरों ने कहा कि वह तांदुला और गोंदली डुबान इलाके के ही किसान है। उनके माकन भी पानी में डूब चुके है जिसके चलते वह मछली पकड़कर ही आजीविका कमा रहे है। उन्होंने आरोप लगाया कि शासन ने इसका ठेका बाहर के ठेकेदार को दें दिया है। इस नई मछुआ नीति के अनुसार जब लीज पर बाहर के ठेकेदार को ठेका दें दिया जाता है तो स्थानीय मछुआरों का अधिकार खत्म हो जाता है।
जानकारी के मुताबिक प्रदेश के बालोद जिले में करोड़ों रुपये की मछली का व्यवसाय होता है। लेकिन प्रशासन ने इससे लीज पर दें दिया है। जिसके चलते स्थानीय मछुआरें वहां से मछली नहीं पकड़ पाते। जिसके चलते ठेकेदार और मछुआरों में विवाद चलता है। संघ ने कहा कि अगर शासन अपनी इस नई नीति में बदलाव नहीं करता तो हम बड़ा आंदोलन करेंगे, नेशनल हाईवे पर भी प्रदर्शन करके जाम करेंगे। मछुआरे बहुर सिंह निषाद एवं बालमुकुंद नेताम ने कहा कि अभी तक इस विषय पर बातचीत के लिए भी नहीं बुलाया गया।
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