इंडिया न्यूज़, Chhattisgarh News: प्रदेश के जांजगीर जिले में फाइलेरिया मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिसके चलते खतरा भी बढ़ रहा है। यह बीमारी क्यूलेक्स प्रजाति के मादा मच्छर काटने से होती है। इस मच्छर के काटने से पुवेरिया नामक जीव शरीर में प्रवेश कर जाते है। इससे यह बीमारी शरीर में फैल जाती है। इस बीमारी से जो अंग प्रभावित होते है उनमें सूजन आ जाती है।
(Filariasis cases increased in Janjgir) फाइलेरिया की रोकथाम के लिए फाइलेरिया नियंत्रण अभियान भी चलाया गया था। इसके अंतर्गत 22 अगस्त से 30 अगस्त तक करीब 8 दिन तक दवाइयों का वितरण करना था। लेकिन इन दिनों कर्मचारियों की महंगाई भत्ते के लिए हड़ताल जारी थी। जिसके चलते दवाइयों के वितरण की बात तो दूर फाइलेरिया के मरीजों को भी यह दवाई नहीं मिल पाई।
(Patients crossed 1300) करीब एक वर्ष से जिले (Janjgir) की पुरानी बस्ती और नैला में 75 लोग इस बीमारी से पीड़ित है। इसका एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि नगर के नालों में सफाई नहीं हो रही। जिसके चलते मच्छरों से बचाव के कोई कदम नहीं उठाए जा रहे। बता दें कि पालिका कि फागिंग मशीन भी नहीं चल रही जिससे फाइलेरिया, मलेरिया जैसी बीमारिया को बढ़ावा मिल रहा है।
(Patients crossed 1300) जानकारी के मुताबिक केवल डभरा ब्लाक में ही 300 से भी ज्यादा मरीज मिले है। हालांकि गांव में भी यह बीमारी कोई कम नहीं है। जिले में 1330 से भी ज्यादा फाइलेरिया मरीज है। जिनका अभी इलाज किया जा रहा है।
इसकी चपेट में आने वाले मरीजों को तुरंत इलाज करवाना चाहिए क्योंकि इसी समस्या से पहले नियंत्रण में न किया जाए तो यह बीमारी रोकनी मुश्किल है। प्रभावित अंग की सूजन नहीं रूकती। स्किन का खराब होना। ऐसे मरीजों से दूरी बनाए रखें, मरीज मानसिक विकलांगता की चपेट में आने का डर होता है। जैसे कि पहले भी बताया गया है कि इस बीमारी से बचने के लिए अभियान भी चलाया गया था, लेकिन कर्मचारी भत्ते की मांग के चलते यह अभियान सफल नहीं हो पाया। जिससे मरीजों की संख्या और भी बढ़ गई है। इस अभियान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षा एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी।
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