इंडिया न्यूज़, Bilaspur News: प्रदेश में पर्यावरण विभाग (Environment department) ने 4 पालिकाओं पर करीब 17.10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसमें मुंगेली,चांपा, तखतपुर तथा नगर पंचायत लोरमी शामिल है। इसकी मुख्य वजह नदियों में नालों का गंदा पानी मिलना है। जिसके चलते छत्तीसगढ़ के पर्यावरण विभाग ने कारवाही करते हुए जुर्माना लगाया है।
केवल हसदेव नदी में ही करीब 7 नालों का पानी मील रहा था, जिसके चलते करीब 10 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। बता दें कि यह कार्यवाही बिलासपुर क्षेत्र के विभाग की ओर से की गई है। इसके अलावा अरपा नदी में भी करीब 11 नालों का पानी मिलाया जा रहा है।
(Environment department) बता दें कि वर्ष 2020 मई में NGT ने देश के सभी नालों की सफाई के लिए 2021 जुलाई तक का समय रखा था। जिसके चलते इस बारे में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के निर्देश जारी किये गए थे। छत्तीसगढ़ में यह जिम्मेवारी पर्यावरण संरक्षण मंडल को दी गई थी। जिसके चलते नदियों में नालों का गंदा पानी मिलने पर कार्यवाही की जा रही है।
(17 crore fine on 4 municipalities) पचरैहा नाले का पानी मनियारी नदी में मिलने पर तखतपुर नगरपालिका ने कार्यवाही की है। जिसके चलते करीब 90 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। आगर नदी में में भी 2 नालों का पानी मिलने पर मुंगेली नगरपालिका पर करीब 1.80 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा लोरमी नगर पंचायत पर भी मनियारी में पानी मिलने पर 4.50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
प्रदेश के बिलासपुर जिले में भी अरपा नदी में करीब 11 नालों का पानी डाला जा रहा है। जिसके चलते 2021 के मध्य तक ही करीब 10 करोड़ का जुर्माना लगाया जा चूका था। हालांकि नगर निगम ने दवा किया है कि शप्त पत्र पर कुछ रहत मिली है। कहा जा रहा है कि 2023 मार्च तक सभी नालों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट शुरू किया जाएगा। जबकि अब तक पालिकाओं पर 17 करोड़ रूपए का जुर्माना लगा दिया गया है। गंदा पानी बिना साफ किये नदी में डालने पर। जैसे कि पहले बह बताया गया है कि हसदेव नदी में ही पानी मिलने पर लगभग 10 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है।
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