इंडिया न्यूज़, Chhattisgarh News: प्रदेश के करीब 105 से ज्यादा संगठन 22 अगस्त से लगातार हड़ताल पर थे। हालांकि कल हड़ताल को ख़त्म कर दिया गया है। जिसके चलते कई कर्मचारी संघठन फेडरेशन के अध्यक्ष कमल वर्मा के खिलाफ हो गए है। इसी बवाल के चलते कई वीडियो भी कमल वर्मा(Kamal Verma) के खिलाफ सामने आ रही है। यह वीडियो सरगुजा और कवर्धा जिले की है। इसमें फेडरेशन के अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी की गई है। कुछ लोग उन्हें उठे मरने, से लेकर, पद से हटाने, एवं दलाल जैसी बातें कह रहे है। उनका कहना है कि अध्यक्ष के कारण ही फेडरेशन भंग हुई है।
(Federation president accused of cheating) कर्मचारी नेता एलबी संवर्ग के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू का कहना है कि इस प्रकार आंदोलन को अचानक से ख़त्म कर दिए गया है , यह तो प्रदेश के कर्मचारियों के साथ धोखा है। फेडरेशन के मुख्य और कमेटी के सदस्यों ने हड़ताल कर रहे अधिकारियो एवं कर्मचारियों को धोखा दिया है।
जाकेश ने कहा कि फेडरेशन की बैठक में यह बात कही गई थी कि, जब तक 12% डीए एवं एचआरए कि मांग को स्वीकार नहीं कर लिया जाता तब तक आंदोलन ख़त्म नहीं होगा। लेकिन अब अचानक आंदोलन ख़त्म कैसे कर दिया। जिसके चलते सभी अध्यक्ष(Kamal Verma) और कमेटी का विरोध कर रहे है। प्रदेश के टीचर्स एसो. के अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि 12 फीसदी भत्ते की मांग के चलते पहले भी 5 दिन का आंदोलन हुआ था।
(Dearness allowance) उस समय सरकार की ओर से 6 फीसदी भत्ता जारी हुआ था। जबकि हड़ताल ख़तम करने की कोई बात नहीं सामने आई थी। क्योकि बाकि के 6 प्रतिशत भत्ते के बार में कोई जानकारी नहीं थी। हालांकि अब बिना कोई बात स्पष्ट किये हड़ताल को ख़त्म कर दिया है। जिसके चलते कोई भी कर्मचारी खुश नहीं है। हर जगह विरोध किया जा रहा है।
फेडरेशन अध्यक्ष कमल वर्मा ने कहा कि इस आंदोलन से जनता को मुश्किलों का सामना करना पड़ा हमें इस बात का दुःख है। आंदोलन के चलते स्कूल के बच्चो की पढाई पर भी असर पड़ा है। जिस कारण में सभी से माफ़ी मांगता हूँ। हम आंदोलन के बिना और कुछ नहीं कर सकते थे। उन्होंने कहा कि करीब 4 वर्ष से हम CM के साथ रहे है (CM Bhupesh Baghel) । उन्होंने कोरोना महामारी के समय शहीद हुए कर्मचारियों की अनुकम्पा नियुक्ति की बात को स्वीकार किया है। जिसके चलते कई घरों में शहीदों के परिवार को नौकरी मिली है।
अध्यक्ष ने कहा कि (CM Bhupesh Baghel) CM कि अपील पर हमने आंदोलन को ख़त्म किया है। क्योकि इससे आम जान को मुश्किलों का सामना करना पढ़ रहा है। अगर सरकार हमारी बात नहीं सुनती तो हम फिर से आंदोलन कर सकते है। हालांकि सरकार ने भत्ते के सुझाव को स्वीकार किया है। हालांकि 4 सितंबर को इस विषय पर बैठक रखी गई है। जिसमें 27 जिलों एवं 146 विकासखंडों से लोगों शामिल होंगे।
यह भी पढ़ें : सरकार की चेतावनी का आज अंतिम दिन, कल कर्मचारी फेडरेशन ने की 2 बैठकें, माहौल गरमाया
यह भी पढ़ें : प्रदेश में आज 29 वें जिले मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी का उद्घाटन, मुख्यमंत्री करेंगे 100 करोड़ से ज्यादा विकासकार्य