इंडिया न्यूज़, Raipur News (Electricity Becomes Expensive): प्रदेश में एक बार फिर बिजली की कीमत में 30 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बढ़ोतरी हुई है। VCA चार्ज बढ़ने से इस कीमत को बढ़ाया गया है। बिजली कंपनिया कोयले की कीमत बढ़ने पर बिजली की कीमत बढ़ा देती है और कोयले की कीमत घटने पर बिजली की कीमत घटा देती है। जानकारी के मुताबिक विदेशों से कोयला खरीदकर बिजली बनाई जा रही है जिसक चलते बिजली बनाना महंगा पड़ रहा है। राज्य सरकार की कंपनी NTPC जो बिजली बनती है वह कोयला भी बाहर से मंगवाया जाता है। जिसके चलते हर माह करीब 120 करोड़ रुपये ज्यादा देने पड़ते है।
(Electricity Becomes Expensive) जानकारी के मुताबिक जो कोयला खरीदा जा रहा है। वह स्वदेशी कोयले से करीब 5 गुना तक ज्यादा महंगा है। जिसके चलते बिजली भी इतनी ही महंगी बेचनी पड़ती है। ताप विद्युत केंद्रों को पूरा कोयला न मिलने के कारण ज्यादा से ज्यादा 15 प्रतिशत कोयला उपयोग करने की अनुमति दी गई है। कंपनियों को कुल जरूरत का 9 प्रतिशत कोयला ही खरीदने की बात कही है। अफसरों से मिली जानकारी के मुताबिक जून माह से लेकर अब तक NTPC के प्लांट में ज्यादा से ज्यादा 15 प्रतिशत कोयले का आयात करके प्रयोग किया गया है।
जानकारी के मुताबिक NTPC से प्रदेश जो बिजली खरीद रहा है। वह जनवरी में करीब 2 रुपये यूनिट थी। जबकि जून में यह दर 2.75 पैसे से भी ज्यादा हो गई। अर्थात 6 महीने में 40 प्रतिशत से भी ज्यादा वृद्धि हुई। अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक NTPC से जो बिजली खरीदी जा रही है। उसके लिए हर माह करीब 120 करोड़ रूपया ज्यादा देना पड़ता है। बता दें की प्रदेश की 40 फीसदी बिजली NTPC से ही खरीदी जाती है।
(Electricity became costlier by 30 paise) जिसके चलते प्रति यूनिट 30 पैसे VCA चार्ज बढ़ा दिया है। प्रदेश के विद्युत वितरण कंपनी के एMD मनोज खरे ने कहा कि 2 महा पहले NTPC से खरीदी बिजली का बिल महज 400 करोड़ रुपये था। जो अब बढ़कर 600 करोड़ के पर पहुंच गया है। आगामी माह का बिल 6.4 सौ करोड़ भी हो सकता है। अप्रैल में भी बिजली को करीब 10 पैसे प्रत्ति यूनिट महंगा किया गया था। लेकिन अब सभी के लिए 15 प्रतिशत दर बढ़ाई गई है।
अगर अप्रैल में प्रति यूनिट 10 पैसे बढ़ाए गए थे तो 1000 यूनिट के पीछे 100 रुपये का अंतर अत है। जबकि 30 पैसे पढ़ने पर 1000 यूनिट के पीछे 300 रूपए का फर्क पड़ता है।
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