इंडिया न्यूज़, Ambikapur News: प्रदेश में महंगाई भत्ते को लेकर 22 अगस्त से लगातार हड़ताल चल रही है। इसके लिए आज भी पहले संगठनों की बैठक रखी गई, और इसके बाद सरकार के साथ बैठक होनी है। हालांकि पिछले 2 वर्ष से Covid के कारण पहले ही बच्चों की पढाई प्रभावित हुई है। लेकिन अब इस हड़ताल में करीब 100 से भी संगठन शामिल है। जिसके चलते अध्यापक भी स्कूलों में नहीं जा रहे। (Locks on 1000 schools) अब सरगुजा के ही 80 प्रतिशत से भी ज्यादा स्कूल बंद पड़े है।
कर्मचारी भत्ते की मांग के चलते शिक्षक संघ भी इस हड़ताल में शामिल हो गया है। इसमें शिक्षकों ने 2 सूत्रीय मांग रखी है। जिस कारण जिले के करीब 1000 से भी अधिक स्कुल बंद है (Locks on 1000 schools)। जिससे पढाई पर बहुत ही विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। छात्रों ने बताया कि अभी तक उनका पाठ्यक्रम भी पूरा नहीं हुआ है। जिसके चलते शिक्षक अब फिर हड़ताल पर चले गए है। विद्यार्थी अपनी पढाई के प्रति चिंतित है।
शिक्षक फेडरेशन जिलाध्यक्ष नितेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि 3 शिक्षक संघ ऐसे भी है। जिन्होंने हड़ताल का समर्थन नहीं किया। हालांकि प्रदेश में कुल रजिस्टर्ड संघो की संख्या 25 है। जिसके चलते करीब 6 हज़ार से भी ज्यादा शिक्षक हड़ताल में शामिल है। जैसे की पहले भी बताया गया है कि 80 प्रतिशत स्कूल जिले में बंद है। Locks on 1000 schools
शिक्षको का कहना है कि छात्रों की पढाई में रूकावट की वजह सरकार है। जिला शिक्षा अधिकारी संजय गुहे ने बताया कि शिक्षक संघ जब से हड़ताल पर गए है। तभी से स्कूल बंद पड़े है। जिससे छात्रों की पढाई प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षक स्कूल में नहीं होंगे तब तक स्कूल नहीं खोले जा सकते। क्योंकि अकेले बच्चों के साथ स्कूल में कोई भी घटना हो सकती है।
कमल वर्मा ने कहा कि हड़ताल की जो भी मांगे है वह सब सरकार के सामने रख दी गई है। मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा की फेडरेशन के सुझाव के अनुरूप ही (CM Bhupesh Baghel) CM से चर्चा की जा चुकी है। इसलिए निर्णय सभी बातों को ध्यान में रखकर ही लिया जाएगा। इसी के चलते रविंद्र चौबे ने कहा कि इस हड़ताल से जनता को कई मुस्किलो का सामना करना पढ़ रहा है।
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