Durg District Drug Market: दुर्ग जिले की पहचान एशिया में सबसे बड़े भिलाई इस्पात संयंत्र के रूप में होती है। तो वही नशे के सौदागरों ने अब दुर्ग की पहचान राज्य में नशे के खपत और व्यापार के मामले के रूप में होने लगी है। युवा पीढ़ी को नशे के मकड़ जाल में पूरी तरह से जकड़ चूके है।
कुछ वर्ष पहले छत्तीसगढ़ में ब्राउन शुगर , ड्रग्स , कोकीन जैसे ड्रग्स की खबरें नहीं आती थी । लेकीन अब इन ड्रग्स की खपत ने कई राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में 11 नशा मुक्ति केन्द्र चल हैं।
तो वहीं यूपी से 6 गुना छोटे राज्य छत्तीसगढ़ में अब इन केंद्रों की संख्या 6 तक पहुंच चुकी है। कई जगहों पर और भी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य नशे के सौदागरों के निशाने पर है। नशे के सौदागरों ने बुप्रेनॉर्फिन , एविल जैसे कई इंजेक्ट ड्रग्स की उपलब्धता आसानी से डेली नीड्स और मेडिकल स्टोर्स जैसे कई माध्यमों से आसानी से उपलब्ध करा कर विशेष कर युवा पीढ़ी को बर्बादी के कगार पर पहुंचा रहे हैं।
प्रदेश में आजकल दुर्ग जिले में नशे से जुड़े मामलों में भारी बड़ोतरी देखी जा रही है। सुपेला भिलाई स्थित ओएसटी सेन्टर में प्रति माह 6 हजार नशे के मरीज अपना ईलाज कराने पहुंच रहे हैं। जो कि पिछले 10 वर्षों में 4चार गुना तक बढ़ चुके हैं। नशा के फेर में समाज का हर वर्ग फंसा हुआ है।
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