India News Chhatisgarh (इंडिया न्यूज़), Dantewada Bank fraud: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में एक सरकारी कार्यालय की प्यून ने अपने पति और उसके दोस्त के साथ मिलकर 21.5 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। इन आरोपियों ने बैंक की फर्जी सील लगाकर शासन के लाखों रुपये गबन किए। इसका खुलासा तब हुआ जब इस सरकारी कार्यालय के लेखापाल ने बैंक में जाकर यह सत्यापित किया कि प्यून उनके द्वारा हर महीने भेजी जा रही राशि को बैंक में जमा कर रही है या नहीं।
लेखपाल ने पाया कि प्यून बैंक में राशि जमा नहीं कर रही थी, बल्कि बैंक की फर्जी सील लगी हुई परची को रिसिप्ट के तौर पर दे रही थी। शक होने पर लेखापाल ने तुरंत इसकी रिपोर्ट दंतेवाड़ा कोतवाली में दर्ज कराई। पुलिस ने जांच के दौरान सरकारी कार्यालय की प्यून, उसके पति और उसके दोस्त को हिरासत में लेकर पूछताछ की और तीनों ने ही अपना जुर्म कबूल कर लिया।
दंतेवाड़ा कोतवाली के थाना प्रभारी विजय पटेल ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि प्रार्थी नरेश मिंज ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि दंतेवाड़ा लाइवलीहुड कॉलेज में अंत्यव्यवसायी सहकारी समिति मर्यादित विभाग के तहत विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत हितग्राहियों को लोन दिया गया था। प्यून, उसके पति और दोस्त ने मिलकर इस राशि को बैंक में जमा करने का नाटक किया।
थाना प्रभारी ने बताया कि इन आरोपियों ने बैंक की फर्जी सील बनाकर परचियों पर लगाई और उसे लेखापाल को दिया। लेखापाल को कुछ महीनों बाद शक हुआ और उन्होंने बैंक में जाकर जांच की। जांच में पाया गया कि न तो पैसे जमा किए गए थे और न ही परचियों पर लगी सील बैंक की थी।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा गबन की घटनाएं कितनी गंभीर हो सकती हैं। लेखापाल की सतर्कता और समय पर की गई जांच ने इस बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया और आरोपियों को उनके गुनाह की सजा दिलवाई। इस मामले ने सरकारी संस्थानों में पारदर्शिता और निगरानी की आवश्यकता को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है।