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छत्‍तीसगढ़ के कारखानों में कोयला संकट, उद्योगपतियों के काम ठप

• LAST UPDATED : July 28, 2022

इंडिया न्यूज़,Chhattisgarh News: प्रदेश में कोयला सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। जिसके कारण राज्य के कई उद्योग पर गहरा असर पड़ने लगा है। उद्योगपतियों ने अपने कारखानों में काम को कम करना शुरू कर दिया है। ये सब कोयले कि कमी के कारण हो रहा है। कारखानों के मालिकों बताया कि अगर यह समस्या सही नहीं हुए तो हम सब सड़को पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। कोयले की कमी के कारण प्रदेश में बिजली कि भी समस्या बनी हुई है। समय पर इसका समाधान नहीं हुआ तो उद्योग में भरी गिरावट आ सकती है।

आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष ने दी जानकारी

कोयला हर राज्य की समस्या बनी हुए है। जिसका प्रभाव उद्योग और बिजली पर अधिक पड़ा है। स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बतया की कोयले को लेकर एक एग्रीमेंट पास किया गया था जिसे वर्ष-2017 से मार्च-2022 तक लिंकेज में किया गया था। इस एग्रीमेंट के समाप्त होने के कारण प्रदेश में कोयला मिलना बंद हो गया है। उद्योगपति चाहते है कि लिंकेज एग्रीमेंट फिर से आगे बढ़ाया जाए ताकि उद्योगों को कोयला मिल सके। उन्होंने बताया कि अभी प्रदेश के उद्योगों के पास 15 अगस्त तक का कोयला स्टाक में है, इसके बाद खत्म हो जाएगा।

मिनी स्टील और रोलिंग मिलों भी प्रभावित

कोयला की कमी के कारण प्रदेश में बहुत से उद्योगों पर ताला लगाने की नौबत आ गई है। जानकरी मिली है की कोयले की कमी होने से मिनी स्टील और रोलिंग मिलों पर भी असर पड़ेगा। राज्य में मिनी स्टील और रोलिंग मिल उद्योगों की संख्या करीब 700 है। कोयले न मिलने से काम भी रुक गया है। उत्पादन आधा होने के कारण बाजार में स्टाक की भी किल्लत हो रही है, जिसका असर कीमतों में पड़ रहा है।

 समाधान नहीं हुआ तो सड़को पर विरोध प्रदर्शन करेंगे

जानकारी के अनुसार ,प्रदेश में यदि कोयले की समस्या ऐसे ही बनी रहे गई। सभी उद्योगपतियों सड़को के उपाए विरोध प्रदर्शन कर सकते है। उद्योगपतियों ने कोयला संकट को देखते हुए स्टील मंत्रालय में अपनी शिकायत को लेकर जायेंगे। उन्होंने कहा की राज्य सरकार को हमारी मद्त करनी चाहिए।

सरिये की सबसे ज्यादा कीमत (Coal Crisis in Factories)

उद्योगपतियों ने जानकारी देते हुए बताया कि लोहा बाजार में सरिये कि सबसे ज्यादा कीमत है। और बाजारों में लोहे कि इतनी मांग भी नहीं है। जिसका सबसे बढ़ा कारण कोयले का संकट है। कोयला ख़त्म होने के कारण महंगा मिल रहा है यही कारण सरिया आज बाजार में सबसे माँगा है। कुछ दिनों पहले आयरन कि कीमतों में कमी आई है लेकिन कोयला अभी भी 20 हजार रुपये प्रति टन मिल रहा है। इसके चलते ही सरिया की कीमतों में भी तेजी है। रिटेल मार्केट में सरिया 66 हजार रुपये प्रति टन बिक रहा है।

(Coal Crisis in Factories)

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