इंडिया न्यूज़, Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ का कोयला उत्पादन में देश में दूसरा स्थान है। इसके बावजूद भी राज्य में कोयला संकट छाया हुआ है। जानकारी के मुताबिक प्रदेश के कोयला उद्योग में प्रत्येक माह करीब डेढ़ करोड़ टन कोयले की आवश्यकता होती है। जबकि केंद्र कंपनी SECL प्रदेश को केवल 60 लाख टन कोयला ही देती है। जानकारी के मुताबिक आगामी माह से कोयले की आपूर्ति पर रोक लगाई जा रही है। जिसके चलते उद्योगों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इस बारे में बातचीत की। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय कोयला मंत्री को पत्र लिखकर कोयले की मांग कि है।
जानकारी के मुताबिक प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा की छत्तीसगढ़ कोयले उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर है। प्रदेश से हर साल करीब 15 करोड़ टन कोयले का उत्पादन होता है। जिसके अधिकांश हिस्से को अन्य राज्यों में आपूर्ति के लिए भेजा जाता है। स्टील उत्पादन में भी प्रदेश का देश में महत्वपूर्ण योगदान है। राज्य में लाखों लोगों को रोजगार स्टील उत्पादन से ही मिलता है। आगामी माह तक केंद्र कोयला कंपनी ने प्रदेश में कोयल की आपूर्ति पर रोक की बात कही है। जिस कारण राज्य की आर्थिक स्थिति डगमगा जाएगी। सिर्फ बिजली उत्पादन को छोड़कर सभी उद्योग बंद होने की कगार पर आ जाएगें।
CM ने पत्र में लिखा गया कि प्रदेश में SECL द्वारा करीब 60 लाख टन कोयले की आपूर्ति हर महीने की जाती है। लेकिन प्रदेश में हर महीने डेढ़ करोड़ टन कोयले की जरूरत होती है। देश के कोयला उत्पादक राज्य को ही कोयला न देने की बात तो काफी दुर्भाग्यजनक होगी। इससे रेल भी बंद होने की कगार पर है, जिससे कई यात्रियों को कुछ समय से रेल का संचालन सुचारु रूप से न होने के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए पत्र में कोयले की आपूर्ति लगातार जारी रखने की मांग की गई है। ताकि राज्य में आर्थिक संकट की स्थिति पैदा न हो। राज्य की आर्थिक स्थिति न गड़बड़ाए।
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