इंडिया न्यूज़, Bastar : छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में दशहरा के अवसर पर CM भूपेश को न्योता दिया गया है। इस कार्यक्रम का आयोजन बस्तर दशहरा समिति के सदस्यों द्वारा किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रदेश के CM भूपेश बघेल पहुँच रहे है। कल बस्तर सांसद और दशहरा समिति के अध्यक्ष मुख्यमंत्री निवास पहुंचे। इस कार्यक्रम को 75 दिनों तक चलाया जाता है।
CM Bhupesh to Attend Dussehra Festival in Bastar
जानकारी के अनुसार इस कार्यक्रम की पूरी सूचना CM भूपेश को दी है। सांसद दीपक बैज ने बताया कि, इस
उत्सव की शुरुआत 28 जुलाई से पाट जात्रा विधान निभा शुरू होगा। जिसके बाद 25 सितंबर को सबसे महत्वपूर्ण काछनगादी की रस्म होगी। इसी के साथ 29 सितंबर को कलश स्थापना पूजा विधान, और जोगी बिठाई की रस्म अदा की जाएगी। इन सब कार्यक्रम पर CM भूपेश उपस्थित रहेंगे।
इस उत्सव में दशहरा की सबसे प्रमुख रस्म काछनगादी को निभाया जाता है। इस दशहरे में सदियों से चली आ रही ये रस्म जिसमे एक पनका जाति की लड़की पर देवी आती है जिसके बाद देवी को बेल के कांटों के झूले में झुलाया जाता है। इस रस्म के अनुसार बस्तर राज परिवार के सदस्य देवी से बस्तर दशहरा मनाने और रथ की परिक्रमा शुरू करनी की अनुमति मांगी जाती है। काछन देवी की अनुमति के बाद इस उत्सव मनाया जाता है। यह परंपरा कई सालों से चली आ रही है।
इस उत्सव को जगदलपुर के भंगाराम चौक के पास स्थित काछनगुड़ी में मनाया जाता है।इस त्योहार में शामिल होने के लिए हजारो की संख्या में श्रद्धालु आते है। बताया जाता है कि बस्तर महाराजा दलपत देव ने काछनगुड़ी का जीर्णोद्धार करवाया था। सैकड़ों साल से यह परंपरा ऐसे ही चली आ रही है। उन्होंने बताया कि, काछनदेवी को रण की देवी भी कहा जाता है। पनका जाति की महिलाएं इस अवसर पर धनकुल वादन के साथ गीत भी गाती हैं।
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